सुप्रीम कोर्ट ने कूनो में चीतों की मौत पर सुनवाई बंद की, कहा- केंद्र के प्रयासों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 8, 2023 01:54 PM2023-08-08T13:54:00+5:302023-08-08T13:55:40+5:30

केंद्र सरकार की तरफ से शीर्ष न्यायालय में कहा गया कि चीतों को देश में बसाने में कुछ समस्या जरूर है लेकिन चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और पीके मिश्रा की पीठ ने की।

Supreme Court closes hearing on death of cheetahs in Kuno No reason to disbelieve Centre’s efforts | सुप्रीम कोर्ट ने कूनो में चीतों की मौत पर सुनवाई बंद की, कहा- केंद्र के प्रयासों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं

कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने चीतों की मौत पर सुनवाई बंद कीकहा- केंद्र के प्रयासों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं चीतों को देश में बसाने में कुछ समस्या जरूर है लेकिन चिंता करने जैसी कोई बात नहीं - केंद्र सरकार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उसे चीता परियोजना को सफल बनाने के केंद्र के प्रयासों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं मिला। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की दलीलों को सुनने के बाद सुनवाई बंद कर दी। 

केंद्र सरकार की तरफ से शीर्ष न्यायालय में कहा गया कि चीतों को देश में बसाने में कुछ समस्या जरूर है लेकिन चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और पीके मिश्रा की पीठ ने की। तीन जजों की पीठ ने कहा कि इस परियोजना को न्यायपालिका के बजाय क्षेत्र के विशेषज्ञों के विवेक पर छोड़ देना बेहतर है। 

केंद्र की तरफ से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को गलत बताया जिसमें कहा गया है कि कूनो में 9 चीतों की मौत हो चुकी है। एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने इसे "तथ्यात्मक रूप से गलत" करार देते हुए कहा कि जिन रिपोर्टों में 9 मौतों का उल्लेख किया गया है उनमें 3 शावक भी शामिल हैं। 

बता दें कि कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे जिनमें से 6 चीतों और तीन शावकों की मौत हो गई है। केंद्र की तरफ से शीर्ष न्यायालय को बताया गया कि दुनिया में पहली बार चीते किसी एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में बसाए गए हैं। 

कूनो में हाल ही में एक मादा चीता, धात्री की मौत हो गई।  पिछले लगभग पांच महीनों में यह कूनो में नौवें चीते की मौत थी। पिछले महीने तीन दिनों के अंतराल में दो नर चीतों की मौत हो गई थी, जिसमें तेजस की मौत 11 जुलाई को हुई थी और सूरज का शव 14 जुलाई को मिला था। हाल ही में सरकार ने संसद में बताया था कि भारत में चीता बसाने संबंधी कार्य योजना के तहत पांच वर्षों के पहले चरण के लिए परियोजना की अनुमानित लागत 91.65 करोड़ रुपये है। कूनो में चीतों की लगातार हो रही मौतों पर विशेषज्ञों ने चिंता भी जताई है।

बता दें कि ‘प्रोजेक्ट चीता’ में शामिल अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में शुरुआती अनुभव के आधार पर सरकार को भारत में बसाने के लिए कम उम्र के ऐसे चीतों को प्राथमिकता देने की सलाह दी है, जो प्रबंधन के कार्य में शामिल वाहनों और मानव की उपस्थिति में रहने के आदी हों।

Web Title: Supreme Court closes hearing on death of cheetahs in Kuno No reason to disbelieve Centre’s efforts

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