1,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली स्वदेशी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, इंटिग्रेटेड रॉकेट फोर्स का हिस्सा होगी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 19, 2024 11:21 AM2024-04-19T11:21:56+5:302024-04-19T11:23:27+5:30

भारत ने गुरुवार, 18 अप्रैल को ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से 1,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (आईटीसीएम) का परीक्षण किया।

Successful test of indigenous cruise missile with range of 1,000 km Integrated Rocket Force | 1,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली स्वदेशी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण, इंटिग्रेटेड रॉकेट फोर्स का हिस्सा होगी

(फाइल फोटो)

Highlightsस्वदेशी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण1,000 किलोमीटर की मारक क्षमता इंटिग्रेटेड रॉकेट फोर्स का हिस्सा होगी

नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार, 18 अप्रैल को ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से 1,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (आईटीसीएम) का परीक्षण किया। कनस्तर-लॉन्च प्रणाली के साथ यह सबसोनिक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल सतह से सतह पर हमला करने में सक्षम है। ये क्रूज मिसाइल पारंपरिक युद्ध और सुरक्षा के लिए गठित त्रि-सेवा इंटिग्रेटेड रॉकेट फोर्स का हिस्सा होगी। 

इसमें रूसी इंजन के बजाय  स्वदेशी माणिक टर्बोफैन इंजन का प्रयोग किया गया है। मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी विभिन्न स्थानों पर तैनात कई रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री सेंसर द्वारा की गई। मिसाइल का उड़ान पथ की निगरानी सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमानों द्वारा भी की गई। मिसाइल की परीक्षण सफल रहा और इसकी सभी उपप्रणालियों ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन किया। 

डीआरडीओ के अनुसार बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से लैस है। एक और परीक्षण के बाद इसे अन्य परीक्षणों के लिए सेना को सौंपा जाएगा। 

इस सफल उड़ान-परीक्षण ने गैस टरबाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान, बेंगलुरु द्वारा विकसित स्वदेशी प्रणोदन प्रणाली के विश्वसनीय प्रदर्शन को भी स्थापित किया। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चार साल लंबे सैन्य टकराव ने भारत को प्रस्तावित इंटीग्रेटेड रॉकेट फोर्स (आईआरएफ) के लिए प्रारंभिक जमीनी काम शुरू करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अलावा रूस-यूक्रेन संघर्ष से भी भारतीय सैन्य रणनीतिकारों ने काफी सीख ली है।

बता दें कि इंटिग्रेटेड रॉकेट फोर्स में पारंपरिक क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों का मिश्रण होगा। यह  देश के परमाणु शस्त्रागार को संभालने के लिए 2003 में बनाई गई त्रि-सेवा रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) से अलग होगी। क्रूज़ मिसाइलों को दुश्मन के राडार और मिसाइल रक्षा प्रणालियों से बचने के लिए, कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए बनाया गया है। 290 किलोमीटर और 450 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल पहले से ही शस्त्र भंडार का हिस्सा है। 800 किलोमीटर की दूरी वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल अब विकसित की जा रही है। नई मिसाइल के विकसित होने के बाद 1,000 किलोमीटर की आईटीसीएम आईआरएफ के शस्त्रागार में क्रूज मिसाइलें होंगी।

Web Title: Successful test of indigenous cruise missile with range of 1,000 km Integrated Rocket Force

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