स्पेशल रिपोर्टः लोकसभा चुनाव के दौरान दलित अत्याचार पर नेताओं में वार-पलटवार

By महेश खरे | Published: May 15, 2019 08:23 AM2019-05-15T08:23:50+5:302019-05-15T08:23:50+5:30

लोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई दलित अत्याचार की घटनाओं को लेकर एक बार फिर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

SPECIAL REPORT: During the Lok Sabha elections, leaders of Dalits atrocities in the state of turmoil | स्पेशल रिपोर्टः लोकसभा चुनाव के दौरान दलित अत्याचार पर नेताओं में वार-पलटवार

प्रतीकात्मक चित्र

Highlightsगुजरात में दलित दूल्हे की घाड़े पर निकली बारात रोकने से हुए बवाल पर कांग्रेस विजय रुपाणी की सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए है. सामाजिक अधिकारिता विभाग ने दलित अत्याचार के जो आंकड़े दिए हैं वो चौंकाने वाले हैं.

अहमदाबाद, 14 मईःलोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई दलित अत्याचार की घटनाओं को लेकर एक बार फिर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी और बसपा प्रमुख मायावती के बीच वार-पलटवार चल ही रहा है, वहीं गुजरात में दलित दूल्हे की घाड़े पर निकली बारात रोकने से हुए बवाल पर कांग्रेस विजय रुपाणी की सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए है.

इन दिनों जहां देश में लोकसभा चुनाव की गहमागहमी है वहीं शादियों का भी सीजन है. गुजरात में दो घटनाएं ऐसी हुईं जिन्होंने एक बार फिर गुजरात में दलित अत्याचार के सवाल को जीवंत कर दिया. यहां अरवल्ली में दलित दूल्हे की बारात को रोक दिया गया वहीं सावरकांठा में एक अन्य दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश पर रोकने की कोशिश हुई. बाद में पुलिस संरक्षण में शादियां तो करा दी गईं लेकिन इन घटनाओं ने गुजरात में दलित संरक्षण और सामाजिक बराबरी पर कई सवाल खड़े कर दिए. कांग्रेस ने तो इस मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया है.

पहले भी हुई ऐसी घटनाएं

अरवल्ली और सावरकांठा की घटनाएं गुजरात के लिए नई नहीं हैं. राज्य के ऊना में दलित युवकों की बेरहम पिटाई का मामला अभी ताजा ही है. मायावती ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी और भाजपा सरकार को घेरते हुए गुजरात सरकार को दलित विरोधी करार दिया. आंकड़े चौंकाने वाले गुजरात में आरटीआई पर सामाजिक अधिकारिता विभाग ने दलित अत्याचार के जो आंकड़े दिए हैं वो चौंकाने वाले हैं.

इसके अनुसार 2001 से 2014 के बीच दलित अत्याचार के 13468 मामले दर्ज किए गए. इसी अविध में 257 हत्या और 408 महिलाओं के साथ रेप के मामले हुए. इन घटनाओं में मूंछ रखने पर भी आपत्ति और दुर्व्यवहार जैसे मामले शामिल हैं. दलित सुरक्षा के प्रति रुपाणी सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के खिलाफ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से भेंटकर उन्हें ज्ञापन देगा. पार्टीं ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया और राज्यपाल से मुलाकात करने का समय मांगा है.

Web Title: SPECIAL REPORT: During the Lok Sabha elections, leaders of Dalits atrocities in the state of turmoil