'बाबूजी' के जीवन पर आधारित पुस्तक 'जवाहर' के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विजय दर्डा ने कहा- "लोकमत ने हमेशा राजनीति, धर्म से ऊपर उठकर पत्रकारिता की..."
By अंजली चौहान | Updated: December 4, 2023 17:04 IST2023-12-04T17:01:52+5:302023-12-04T17:04:44+5:30
उन्होंने बाबूजी को याद करते हुए कहा कि अखबार को हथियार के रूप में प्रयोग किया। 1952 में लोमकत की स्थापना हुई और 1971 में दैनिक अखबार बन गया।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: लोकमत के संस्थापक, वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं राजनीतिक-सामाजिक नेता श्री जवाहरलाल दर्डा 'बाबूजी' के अद्भुत प्रेरणादायी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पुस्तक ‘जवाहर’ के विमोचन समारोह में राजनीतिक जगत की कई हस्तियां मौजूद हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विजय दर्डा ने अतिथि गण लोकेश मुनि, गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, मुकुल वासनिक, रामदास आठावले, आलोक मेहता, कांग्रेस नेता जर्नादन द्विवेदी, विनोद तावड़े का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा, "राजनीति और पत्रकारिता हमेशा अलग होनी चाहिए। पत्रकारिता परमो धर्म है।"
विजय दर्डा ने कहा कि इतिहास किसी को तभी याद करता है जिनमें खास गुण होते हैं। व्यक्ति की सोच और विचार अहम है, जवाहर जी में अलग सोच थी। कर्म के कारण लोग याद करते है, युवा अवस्था में दो बार जेल गए। आजादी के बाद अधिकार के लिए लड़े, फल सबके सामने लाए, विकास के लिए लड़ते रहे।
उन्होंने बाबूजी को याद करते हुए कहा कि अखबार को हथियार के रूप में प्रयोग किया। 1952 में लोमकत की स्थापना हुई और 1971 में दैनिक अखबार बन गया।
उन्होंने सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे संगठन लोकमत पर भी बात की और कहा कि लोकमत ने हमेशा से निष्पक्ष पत्रकारिता की है। लोकमत धर्म और जात-पात से दूर रहा। विजय दर्डा ने कहा कि लोकमत ने हमेशा कांग्रेस के खिलाफ ही खबरें छापी और यही नहीं लोकमत में जवाहर लाल दर्डा के खिलाफ भी खबर लिखी गई है।
उन्होंने संबोधन में कहा कि मेरा हर दल से संबंध है। रिश्तों को हमेशा अहमियत देना जरूरी है। भेदभाव मत कीजिए। विचारों का आदर कीजिए।
गौरतलब है कि सोमवार, 4 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में श्री जवाहरलाल दर्डा 'बाबूजी' के अद्भुत प्रेरणादायी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पुस्तक ‘जवाहर’ का विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस पुस्तक का विमोचन कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथों किया जाएगा।
कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष पद्म भूषण गुलाम नबी आजाद, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मंत्री विनोद तावड़े, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, मीडिया में अपने विचारों से अलग पहचान रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री अलोक मेहता समेत अन्य मेहमान मौजूद हैं।
पुस्तक में जवाहरलाल दर्डा के जीवन का वर्णन
बता दें कि अपना सम्पूर्ण जीवन देश के लिए, गरीबों के कल्याण और दलितों के उत्थान के लिए समर्पित करने वाले कट्टर गांधीवादी जवाहरलाल दर्डा के कर्मठ जीवन के विभिन्न पहलुओं का इस पुस्तक में विवरण है, जो आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। देश की आजादी के लिए संघर्ष से लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री तक की यात्रा के दौरान आए अनेक पड़ावों, संघर्षों और नैतिक मूल्यों से भरी उनकी जीवन यात्रा को पुस्तक में संजोया गया है।
श्री जवाहरलाल दर्डा जैसे व्यक्ति का जन्म कई सौ वर्षों में एक बार होता है। उनका सम्पूर्ण जीवन समाज और देश के लिए प्रेरणादायी था। उन्होंने अद्भुत साहस, नेतृत्व, कौशल और नैतिक मूल्यों के साथ भारत को महान बनाने के लिए कठिन प्रयास किया। उनके विचार और कार्य हम सभी को आगे बढ़ने की सदा प्रेरणा देते हैं।