प्रयागराज: कोरोना काल की तरह फाफामऊ घाट पर आज भी भारी तादात में दफनाए जा रहे है लाश, प्रशासन और NGT की रोक के वाबजूद भी यहां बन रहे है कब्र

By आजाद खान | Published: May 19, 2022 07:40 AM2022-05-19T07:40:49+5:302022-05-19T12:00:55+5:30

इस घाट पर लाशों के दफनाने को लेकर लोगों में अलग-अलग राय है। कुछ लोगों का कहना है कि घाट पर सही से सुविधा प्रदान नहीं की गई है तो वहीं कुछ और लोगों का कहना है कि वे अपने परंपरा के मुताबिक ही ऐसे लाशों को दफना रहे हैं।

Prayagraj Like Covid19 period dead bodies still being buried huge numbers Phaphamau Ghat despite adm | प्रयागराज: कोरोना काल की तरह फाफामऊ घाट पर आज भी भारी तादात में दफनाए जा रहे है लाश, प्रशासन और NGT की रोक के वाबजूद भी यहां बन रहे है कब्र

प्रयागराज: कोरोना काल की तरह फाफामऊ घाट पर आज भी भारी तादात में दफनाए जा रहे है लाश, प्रशासन और NGT की रोक के वाबजूद भी यहां बन रहे है कब्र

Highlightsकोरोना काल की तरह ही प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर लाशों को दफनाया जा रहा है। ऐसे दफनाने के पीछे लोगों के अलग-अलग मत हैं। प्रशासन और एनजीटी के रोक के बावजूद भी यहां पर कब्रें दिख रही है।

लखनऊ: प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर एक फिर से कोरोना काल की तरह ही घाटों पर भारी तादात में शवों को दफनाया जा रहा है। आपको बता दें कि घाट पर इस तरीके से लाशों को दफनाने पर रोक लगा है। यब रोक प्रशासन और एनजीटी की ओर से लगी है। लेकिन रोक के बावजूद, अब भी भारी तादात में लाशों को वहां दफन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस घाट पर हर रोज दर्जन भर लाशों को दफन किया जा रहा है और इसके खिलाफ किसी पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है। ऐसे में यहां पर लाशों की संख्या को देख कर कोरोना काल की यादें सामने आ जा रही है जब इसी घाट पर लाशों का ढेर दिखाई दिया था। इस तरह से लाशों को दफनाने को लेकर स्थानीय लोगों के अलग-अलग मत है। 

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, फाफामऊ घाट पर हर रोज भारी तादात में लाशों को लाया जा रहा है और यहां दफन किया जा रहा है। कोरोना काल से हालात को देखते हुए इस घाट पर लाशों के अंतिम संस्कार के लिए मना किया गया है। यह आदेश प्रशासन और एनजीटी द्वारा दी गई है। लेकिन इसके बावजूद भी हर रोज भारी तादात में यहां लाशों को दफनाया जा रहा है। मानसून के आने में बस कुछ ही दिन बचे है, ऐसे में जल स्तर बढ़ने से यह आशंका जताई जा रही है कि इन लाशों के गंगा नदी में समा जाने से लाशों को नदी में तैयरते देखे जा सकते है। तब यह स्थिति वैसी ही हो जाएगी जैसे कोरोना काल में गंगा में बहती हुई लाशों की थी। 

दफनाने को लेकर लोगों की अलग मत

आपको बता दें कि घाट पर इस तरह के कब्र को पाए जाने पर वहां के लोग अलग-अलग राय रखते हैं। कुछ लोगों को कहना है कि घाट पर सही से व्यवस्था नहीं तो कुछ ने इसे परंपरा का नाम दिया है। वहां के लोगों का कहना है कि अगर फाफामऊ घाट पर विद्युत शवदाह गृह और अंतिम स्संकार के लिए समय पर लकड़ियां मौजूद हो तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। वहीं कुछ और लोगों का कहना है कि वे ऐसा अपने परंपरा के अनुसार करते है। 

आपको बता दें कि कोरोना काल में जब यह खबर चली थी कि गंगा किनारे भारी मात्रा में शवों को दफनाया जा रहा है, ऐसे में प्रशासन ने एक्शन लेते हुए रेत से उन शवों को निकाल कर उनका अंतिम संस्कार किया था। लेकिन अब यहां शवों के दफनाने पर लगी रोक के बावजूद भारी मात्रा में हर रोज शवों को रेत में दफनाया जा रहा है। 
 

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Web Title: Prayagraj Like Covid19 period dead bodies still being buried huge numbers Phaphamau Ghat despite adm

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