पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में 7 पुलिस अधिकारी निलंबित, 2022 में पंजाब में हुई थी घटना
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: November 26, 2023 09:45 IST2023-11-26T09:43:45+5:302023-11-26T09:45:49+5:30
फिरोजपुर में, पांच जनवरी 2022 को प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था। इसके बाद वह रैली सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए बिना पंजाब से दिल्ली लौट गए थे।

(फाइल फोटो)
नई दिल्ली: 5 जनवरी, 2022 को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक से जुड़े मामले में 7 पुलिस अधिकारियों - बठिंडा एसपी गुरबिंदर सिंह, डीएसपी परसन सिंह, डीएसपी जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर तेजिंदर सिंह, इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और एएसआई राकेश कुमार को निलंबित किया गया है।
Seven Police officers - Bathinda SP Gurbinder Singh, DSP Parson Singh, DSP Jagdish Kumar, Inspector Tejinder Singh, Inspector Balwinder Singh, Inspector Jatinder Singh and ASI Rakesh Kumar suspended in the case involving PM Narendra Modi's security lapse in Punjab on January 5,…
— ANI (@ANI) November 26, 2023
इनमें से बठिंडा एसपी गुरबिंदर सिंह घटना के समय पुलिस अधीक्षक (अभियान) के पद पर तैनात थे और वह फिरोजपुर में ड्यूटी पर थे। पंजाब गृह विभाग द्वारा बुधवार को जारी एक आदेश के अनुसार, वर्तमान में बठिंडा जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
बता दें कि फिरोजपुर में, पांच जनवरी 2022 को प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था। इसके बाद वह रैली सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए बिना पंजाब से दिल्ली लौट गए थे। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले सुरक्षा में हुई चूक से एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था।
निलंबन आदेश के अनुसार, घटना पर 18 अक्टूबर 2023 की एक रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने सौंपी थी, जिसमें राज्य पुलिस प्रमुख ने कहा था कि सिंह ने अपनी ड्यूटी उपयुक्त रूप से नहीं की। पंजाबी भाषा में जारी आदेश में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी के स्तर पर मामले पर विचार के बाद संबंधित अधिकारी (गुरबिंदर सिंह) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। सुरक्षा चूक की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने इससे पहले राज्य के कई अधिकारियों को इस चूक के लिए जिम्मेदार ठहराया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 12 जनवरी को सुरक्षा चूक की जांच के लिए समिति नियुक्त करते हुए कहा था कि घटना से उपजे सवालों को "एकतरफा जांच" के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है।
इस मामले ने तब खूब तूल पकड़ा था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा से खिलवाड़ की 'सुनियोजित साजिश' में पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की भूमिका होने का आरोप लगाया था।