एलओसी पर पाकिस्तान कर रहा गोलाबारी, 20 सालों में करीब 136 जवानों की हुई मौत
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 31, 2023 17:27 IST2023-10-31T17:20:12+5:302023-10-31T17:27:59+5:30
कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में पिछले 20 सालों से जारी सीजफायर की अवधि में यह 137वीं घटना है और 136 जवान शहीद हो चुके हैं। जबकि वर्ष 2020 में तो जून के बाद 7 जवानों को सेना एलओसी पर खो चुकी है।

फाइल फोटो
जम्मू: पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर जारी सीजफायर के बीच होने वाली रहस्यमयी गोलीबारी से सेना परेशान हो उठी है। उसकी परेशानी इन घटनाओं में सीजफायर के 20 सालों में उसके 136 के करीब जवानों की हुई मौत है और उसकी हालत यह है कि वह इसके लिए किसी को दोषी ठहराने की स्थिति में इसलिए नहीं है क्योंकि अगर ऐसा करती है तो सीजफायर दांव पर लग जाता है।
पिछले हफ्ते दो सालों के अरसे के बाद कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में पाकिस्तानी स्नाइपरों द्वारा दागी गई गोली से सेना का एक जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गया। यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि एलओसी पर रहस्यमयी गोलीबारी से कोई जवान जख्मी हुआ हो या किसी जवान की मौत हुई हो। पिछले 20 सालों से जारी सीजफायर की अवधि में यह 137वीं घटना है और 136 जवान शहीद हो चुके हैं। जबकि वर्ष 2020 में तो जून के बाद 7 जवानों को सेना एलओसी पर खो चुकी है।
दरअसल इन रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं के पीछे पाक सेना के वे निशानेबाज हैं जो स्नाईपर राइफलों से भारतीय जवानों को निशाना बना रहे हैं। कई बार फ्लैग मीटिंगों में भारतीय पक्ष द्वारा इस पर आपत्ति जताई जा चुकी है लेकिन हर बार पाक सेना ऐसी किसी गोलीबारी की घटना से इंकार कर चुकी है। नतीजतन रहस्यमयी गोलीबारी, जिसके पीछे भारतीय पक्ष के मुताबिक पक्के तौर पर पाक सेना और उसके वे आतंकी पिट्ठू हैं जो सीमा के उस पार पाक सीमा चौकियों पर शरण लिए हुए हैं, से सेना परेशान हो उठी है।
ऐसी दशा में सेना के पास ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं और घुसपैठ के बढ़ते दबाव से निपटने का एक ही रास्ता बचा है और वह यह है कि एलओसी पर जारी सीजफायर समाप्त हो जाए। एक सेनाधिकारी के बकौल सीजफायर ने पाक सेना को अपनी पोजिशनें मजबूत करने और घुसपैठ को कारगार ढंग से अंजाम देनेे का मौका दिया है। वर्ष 2003 में जब दोनों मुल्कों के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ तो कुछ अरसे तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर शांति बनी रही थी पर यह ज्यादा देर तक इसलिए नहीं टिक पाई क्योंकि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली रहस्यमयी गोलीबारी ने भारतीय जवानों की जानें लेनी आरंभ कर दी थी।
फिर जब इसके प्रति जानकारियां सामने आईं तो वे चौंकाने वाली थीं कि ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शाटों के पीछे पाक सेना के प्रशिक्षित कमांडों के साथ-साथ वे आतंकी भी थे जिन्हें पाकिस्तानी सेना ऐसी ट्रेनिंग दे रही थी। हालांकि सीजफायर के 20 सालों के दौरान एलओसी पर स्नाइपर गोलीबारी 136 के करीब भारतीय जवानों की जानें ले चुकी है और पाकिस्तान ऐसी गोलीबारी के लिए हमेशा ही आतंकियों को दोषी ठहराता आया है।