कश्मीर में पहले चरण के मतदान के खत्म होते ही 42 नेताओं को सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस

By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 20, 2024 02:52 PM2024-04-20T14:52:16+5:302024-04-20T14:53:41+5:30

जिन राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है उनमें गुलाम नबी आजाद, मुजफ्फर हुसैन बेग, कविंद्र गुप्ता, सज्जाद गनी लोन, मौलवी इमरान रजा अंसारी, सत शर्मा, जी.एम. शामिल हैं।

Notice to 42 leaders to vacate government bungalows after first phase of voting in Kashmir | कश्मीर में पहले चरण के मतदान के खत्म होते ही 42 नेताओं को सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस

(फाइल फोटो)

Highlightsजम्मू कश्मीर में राजनेताओं के लिए एक बुरी खबर हैएस्टेट विभाग द्वारा उन्हें उन घरों से बेदखल करने का नोटिस का थमायाविभाग ने ये नोटिस कोर्ट के निर्देश पर जारी किये हैं

Lok Sabha Elections 2024 : जम्मू कश्मीर में राजनेताओं के लिए एक बुरी खबर है। यह कोई आतंकी धमकी या हमला नहीं बल्कि एस्टेट विभाग द्वारा उन्हें उन घरों से बेदखल करने का नोटिस का थमाया जाना है जिनमें वे कई सालों से काबिज थे। यह सच है कि जम्मू कश्मीर के एस्टेट अर्थात संपदा विभाग ने 42 राजनीतिक हस्तियों को बेदखली का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने ये नोटिस कोर्ट के निर्देश पर जारी किये हैं।

दरअसल एस्टेट विभाग द्वारा सरकारी बंगलों से कब्जा हटाने के निर्देश के बाद भी इन नेताओं ने सरकारी बंगलों पर कब्जा जारी रखा हुआ था। एस्टेट विभाग ने 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के बाद सैंकड़ों लोगों को, जिनमें ज्यादातर कामकाजी पत्रकार थे, उनके क्वार्टर से बेदखल कर दिया, लेकिन कश्मीर और जम्मू दोनों में प्रभावशाली राजनेताओं को बाहर निकालने में बुरी तरह विफल रहा। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद प्रशासन द्वारा कुछ मीडिया घरानों को कार्यालयविहीन भी कर दिया गया था।

जिन राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है उनमें गुलाम नबी आजाद, मुजफ्फर हुसैन बेग, कविंद्र गुप्ता, सज्जाद गनी लोन, मौलवी इमरान रजा अंसारी, सत शर्मा, जी.एम. शामिल हैं। सरूरी, सुनील शर्मा, अब्दुल गनी वकील, अब्दुल माजिद पैडर और हकीम मुहम्मद यासीन भी हैं। इनमें सभी राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं।
अन्य में रविंदर रैना, आरएस पठानिया, प्रदीप शर्मा, विबोध गुप्ता, दलीप सिंह परिहार, रविंदर शर्मा, नीलम लंगेह, शोएब नबी लोन, हाजी अब्दुल रशीद, एमएस पंडितपुरी, राजा मंजूर, निज़ाम-उ-दीन भट, मीर मुहम्मद फैयाज़ शामिल हैं। जबकि जफर इकबाल मन्हास, अब्दुल रहीम राथर, बशीर अहमद डार, मुहम्मद अमीन भट, सोफी यूसुफ, एम.वाई. तारिगामी, यासिर रेशी, सुरिंदर अंबरदार, मुहम्मद अब्बास वानी, शफीक मीर, शिल्पी वर्मा, तारिक अहमद कीन, शेख इशफाक जब्बार, जाहिद हुसैन जान, एस.एस. चन्नी, सोना-उल्लाह लोन और रेयाज़ अहमद मीर को भी नोटिस थमाया गया है।

एस्टेट  विभाग ने इन कब्जाधारियों को निर्देश दिया है कि वे जम्मू और श्रीनगर में आवंटन के आवास को जारी रखने के समर्थन में या अन्यथा इन नोटिसों की प्राप्ति की तारीख से दिन 10 दिनों के भीतर दस्तावेजी साक्ष्य, यदि कोई हो, के साथ लिखित प्रतिक्रिया देने के लिए व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअल मोड के माध्यम से निदेशक एस्टेट के समक्ष उपस्थित हों।

प्रासंगिक रूप से, मुख्य न्यायाधीश एन. कोटिस्वर सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 3 अप्रैल, 2024 के अपने आदेश में निदेशक एस्टेट कश्मीर और जम्मू दोनों को इन रहने वालों से निपटने और आवास को रद्द करने और वहां से बेदखल करने के लिए विशिष्ट व्यक्तिगत आदेश पारित करने का निर्देश दिया था। या ऐसा करने के लिए विशिष्ट कारण बताकर उसका आवंटन करने के लिए कहा था।

Web Title: Notice to 42 leaders to vacate government bungalows after first phase of voting in Kashmir

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