नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ! ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील की अनुमति नहीं मिली

By विनीत कुमार | Published: December 15, 2022 04:33 PM2022-12-15T16:33:27+5:302022-12-15T17:00:03+5:30

भारत के भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई में अब एक और बड़ा झटका लगा है। लंदन स्थित उच्च न्यायालय ने उसके प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ उसे ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

Nirav Modi request against extradition to India rejected, cant go to Supreme Court in Britain | नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ! ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील की अनुमति नहीं मिली

नीरव मोदी के भारत लाने के दिन और करीब (फाइल फोटो)

Highlights नीरव मोदी को प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति देने से इनकार।नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक के दो अरब डालर ऋण घोटाला मामले में आरोप। नीरव मोदी मार्च 2019 में गिरफ्तारी के बाद से लंदन की जेल में बंद है।

लंदन: भारत में धोखाखड़ी और धनशोधन के आरोपों में मुकदमा चलाने के लिए वांछित नीरव मोदी की ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने से लंदन स्थित उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है।

गुजरात के 51 साल के हीरा व्यवसायी नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक में 11,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है। इस मामले के खुलासे से ठीक पहले ही नीरव मोदी 2018 में भारत से भाग गया था।

ब्रिटेन नें नीरव मोदी ने कोर्ट में तर्क दिया था कि अगर उसे प्रत्यर्पित किया जाता है तो हालात ऐसे बन सकते हैं कि वह आत्महत्या कर सकता है। बहरहाल, गुरुवार को नीरव मोदी के अनुरोध के खारिज होने का मतलब है कि अब उसके भारत लाए जाने के दिन और ज्यादा करीब आ गए हैं। नीरव मोदी 2019 में ब्रिटेन में गिरफ्तारी के बाद से ही लंदन की एक जेल में बंद है।

लंदन में ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायमूर्ति रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि 'अपीलकर्ता (नीरव मोदी) की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के अनुरोध वाली अर्जी खारिज की जाती है।'

नीरव मोदी के पास अब क्या है रास्ता

जानकारों के अनुसार ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट में अपील पर सुनवाई की याचिका खारिज होने के बाद सैद्धांतिक रूप से मोदी अब इस आधार पर अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के लिए ‘यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमैन राइट्स’ (ईसीएचआर) में आवेदन कर सकता है कि उसके मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई और उसे ऐसी शर्तों के तहत हिरासत में लिया जाएगा जो मानवाधिकार पर यूरोपीय संधि के अनुच्छेद तीन का उल्लंघन है। 

बता दें कि भारतीय प्राधिकारियों ने ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका पर इसी महीने की शुरुआत में जवाब दे दिया था।

नीरव मोदी के वकीलों ने पिछले महीने प्रत्यर्पण के खिलाफ यह अपील दायर की थी जब वह मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर हाई कोर्ट में शुरुआती अपील हार गया था। 

ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल 2021 में एक अदालत के फैसले के आधार पर नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था और इसके बाद से ही यह मामला अपीलों की प्रक्रिया से गुजर रहा है। 

Web Title: Nirav Modi request against extradition to India rejected, cant go to Supreme Court in Britain

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