Mukhtar Ansari Death: "मुख्तार की तबियत खराब थी लेकिन जेल प्रशासन ने इलाज नहीं कराया", बड़े भाई सिबगतुल्ला अंसारी ने लगाया गंभीर आरोप
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 29, 2024 11:53 AM2024-03-29T11:53:25+5:302024-03-29T11:56:02+5:30
मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्ला अंसारी ने दावा किया कि मुख्तार अस्वस्थ थे लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें कोई इलाज नहीं मुहैया कराया।
लखनऊ:मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्ला अंसारी ने शुक्रवार को दावा किया कि मुख्तार अंसारी बीते लगभग दो सप्ताह से अस्वस्थ थे लेकिन उनके द्वारा बार-बार स्वास्थ्य की चिंता जताने के बावजूद बांदा जेल प्रशासन ने उन्हें कोई इलाज नहीं मुहैया कराया।
इसके साथ उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रशासन ने मुख्तार के मौत की सूचना भी घरवालों को नहीं दी, उन्हें तो मीडिया के माध्यम से अपने भाई की मौत के बारे में पता चला।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सिबगतुल्लाह अंसारी ने कहा, "मैंने जब मीडिया में खबर देखा, तब मुझे उसके बारे में पता चला। प्रशासन के द्वारा मुझे या मेरे परिवार को इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई।"
उन्होंने कहा, "मुख्तार 18 मार्च से ही बहुत अस्वस्थ थे और बार-बार उनके द्वारा आवाज उठाने के बावजूद जेल प्रशासन की ओर से कोई इलाज नहीं दिया जा रहा था। 25-26 मार्च को उनकी तबीयत बहुत खराब हो गई थी, इसलिए उन्हें कुछ देर के लिए औपचारिकता के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया और फिर कुछ ही घंटों में वापस भेज दिया गया। कहा गया कि उनकी हालत स्थिर है, जबकि उन्हें कोई इलाज नहीं दिया गया।"
परिवार की आशंकाओं पर उन्होंने कहा, "यह महीनों पहले व्यक्त किया गया था और हाईकोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को भी लिखित में दिया गया था लेकिन किसी की ओर से संज्ञान नहीं लिया गया।"
मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद उसके बेटे उमर अंसारी ने दावा किया कि बांदा जेल में उसके पिता का हत्या कथिततौर पर हत्या की गई है। उमर अंसारी का आरोप है कि जेल में उसके पिता को मारने के लिए कथिततौर पर स्लो प्वाइजन दिया गया और वो पिता की मौत का इंसाफ पाने के लिए कोर्ट जाएंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उमर ने कहा कि ''हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। पिता की मौक के बारे में मुझे बांदा जेल प्रशासन की ओर से कुछ नहीं बताया गया, मुझे मीडिया के माध्यम से उनकी मौत के बारे में पता चला लेकिन अब पूरा देश सब कुछ जानता है।"
उन्होंने आगे कहा, " मैं दो दिन पहले पिता मुख्तार से मिलने के लिए जेल गया था लेकिन जेल प्रशासन ने मुझे मिलने की अनुमति नहीं दी। हमने पहले भी कहा था और आज भी यही कह रहे हैं कि 19 मार्च को डिनर में उन्हें जहर दे दिया गया। हम इसकी जांच के लिए न्यायपालिका की शरण में जाएंगे, हमें उस पर पूरा भरोसा है।''
उमर अंसारी ने कहा, "मेरे पिता का पोस्टमॉर्टम कल किया जाएगा, उसके बाद हमें उनका शव मिलेगा फिर हम आगे उनका अंतिम संस्कार करेंगे। मेरे पिता ने मौत से पहले धीमा जहर दिए जाने का आरोप लगाया था। हमें उसकी तह तक जाना है।''
मालूम हो कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के निधन के बाद उसका शव बांदा के बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया है। अस्पताल से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, खूंखार गैंगस्टर को रात करीब 8:25 बजे अस्पताल लाया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मरने से पहले नौ डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी देखभाल की थी।
घटना से पूर्व मंगलवार को भी पेट दर्द की शिकायत के बाद मुक्तार को बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। हांलाकि उन्हें बाद में तबियत ठीक होने पर पिर से जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
पांच बार के विधायक रहे मुख्तार के निधन के बाद कई राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया। बीते गुरुवार को एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी के परिवार के समर्थन में दुख व्यक्त किया।
ओवैसी ने कहा, "मैं अल्लाह से प्रार्थना करता हूं कि वह मुख्तार अंसारी को माफ कर दें और उनके परिवार और उनके प्रियजनों को धैर्य प्रदान करें। गाजीपुर के लोगों ने अपने पसंदीदा बेटे और भाई को खो दिया। मुख्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया था। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह निंदनीय और अफसोसजनक है।''
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अमीके जामेई ने मुख्तार अंसारी की मौत की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "हम मुख्तार अंसारी के परिवार के साथ खड़े हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि उनकी कभी भी हत्या हो सकती है। उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा क्यों नहीं दी गई। हम घटना की गहन जांच की मांग करते हैं।"
मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा सीट से पांच बार विधायक चुना गया था, जिनमें दो बार बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार रहा। मुख्तार का उसके गृह नगर ग़ाज़ीपुर में काफी रसूख था।
मुख्तार अंसारी को अप्रैल 2023 में एमपी/एमएलए अदालत ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के लिए दोषी ठहराया और 10 साल कैद की सजा सुनाई। उसके अलावा उसे 1990 में हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों के उपयोग से संबंधित एक मामले में 13 मार्च, 2024 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
इससे पहले दिसंबर 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 26 साल पूर्व कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने का दोषी पाया था और उसके खिलाफ कठोर कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। पिछले साल 15 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 73.43 लाख रुपये से अधिक की जमीन, एक इमारत और बैंक जमा राशि कुर्क की थी।