बिहार में ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं 15000 से ज्यादा शिक्षक, जांच में जुटी निगरानी
By एस पी सिन्हा | Published: September 30, 2023 06:05 PM2023-09-30T18:05:46+5:302023-09-30T18:07:11+5:30
अपर मुख्य सचिव के पद पर के के पाठक के आने के बाद से विभाग में हड़कंप मचा है। इस बीच अब बिहार में 15000 से ज्यादा शिक्षकों के गायब होने की सूचना है।

बिहार में ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं 15000 से ज्यादा शिक्षक, जांच में जुटी निगरानी
पटना: बिहार में शिक्षा विभाग का हाल क्या है, यह किसी से छिपी नहीं है। हालांकि, अपर मुख्य सचिव के पद पर के के पाठक के आने के बाद से विभाग में हड़कंप मचा है। इस बीच अब बिहार में 15000 से ज्यादा शिक्षकों के गायब होने की सूचना है। कहा जा रहा है कि निगरानी विभाग को इसकी तलाश है। इसकी वजह शिक्षक बहाली फर्जीवाड़े की जांच में शिक्षा विभाग और निगरानी जांच के आंकड़ों में मिला भारी अंतर बताया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निगरानी विभाग का फोल्डर नहीं मिलने वाले शिक्षकों की संख्या 73091 है, तो वही शिक्षा विभाग में प्राप्त फोल्डर वाले शिक्षकों की संख्या 57647 बताई है। ऐसे में अब दोनों विभाग के सूची में मामला उलझ गया है। और यही वजह है कि इसको लेकर शिक्षा विभाग के सबसे बड़े अधिकारियों की भी मुश्किल है बढ़ गई है। उन्हें भी यह नहीं मालूम चल पा रहा है कि सूबे में टीचरों की वास्तविक संख्या कितनी है।
दरअसल, शिक्षक बहाली फर्जीवाड़े की जांच में पिछले 8 साल से फोल्डर ढूंढने की कवायद चल रही है। उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा वर्ष 2006 से 2015 तक के नियोजित उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक, पुस्तकालय अध्यक्ष एवं प्रारंभिक शिक्षकों के शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक अंक पत्रों व प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है। उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षक जांच मामले को लेकर 6 अक्टूबर को सुनवाई निर्धारित की गई है।
ऐसे में निगरानी पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा लंबित कुल 57647 फोल्डर की सूची दी गई है, जबकि 20 सितंबर तक जिलों के सहायक जांचकर्ता द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार कुल अप्राप्त फोल्डरों की संख्या 73091 है। इनमें हाई स्कूल के शिक्षकों की संख्या-44, मिडिल स्कूल के शिक्षकों की संख्या-474, प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों की संख्या-72553 और पुस्तकालय अध्यक्ष की संख्या -20 हैं जिनके फोल्डर नहीं मिले हैं।
अप्राप्त फोल्डरों की संख्या से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वेब पोर्टल पर अपलोडेड फोल्डरों की संख्या कितनी है।