Mizoram Assembly Elections 2023: मुख्यमंत्री जोरमथंगा आईजोल पूर्व की सीट पर पीछे चल रहे हैं, मतगणना रुझानों में मिजो नेशनल फ्रंट भारी पराजय की तरफ
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 4, 2023 11:27 IST2023-12-04T11:18:18+5:302023-12-04T11:27:14+5:30
मिजोरम में आईजोल पूर्व की सीट से चुनाव लड़ रहे एमएनएफ चीफ और राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथंगा अपने निकटतम जेडपीएम प्रत्याशी लालथानसांगा से पीछे चल रहे हैं।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना का कार्य जारी है और मतो की गिनती से मिले प्रारंभिक रुझान बता रहे हैं कि वहां पर सत्ताधारी मिजो नेशलन फ्रंट की विदाई लगभग-लगभग तय है। अभी तक कुल 40 सीटों में से 28 सीटों के रुझान सामने आ चुके हैं। दो सीटों पर परिणाम भी घोषित हो गये हैं।
चुनाव आयोग की ओर से जारी हुए सीटों के ताजा रुझान की बात करें तो 40 सदस्यीय विधानसभा में अभी चार साल पहले गठित हुई जेडपीएम को स्पष्ट बहुमत मिलने का संकेत मिल रहा है, वहीं मुख्यमंत्री जोरमथंगा की सत्तासीन एमएनएफ को भारी नुकसान होने की आशंका है।
ताजा रुझान पर नजर डालें तो फिलहाल जेडपीएम 2 सीटों पर जीत के साथ 26 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है, वहीं सत्ताधारी मिजो नेशलन फ्रंट 10 सीटों पर, भाजपा 3 सीटों पर और कांग्रेस 1 सीटों पर लड़ती हुई नजर आ रही है।
मिजोरम चुनाव में सबसे आश्चर्यजनक खबर राजधानी आईजोल से आ रही है। जी हां, आईजोल पूर्व की सीट से चुनाव लड़ रहे मिजो नेशलन फ्रंट के मुखिया और राज्य के मुख्यमंत्री जोरमथंगा अपने निकटतम जेडपीएम प्रत्याशी लालथानसांगा से पीछे चल रहे हैं। जेडपीएम उम्मीदवार लालथानसांगा को इस वक्त तक 7618 वोट मिले हैं, जबकि जोरमथंगा को महज 5861 वोट मिले हैं और वो 1757 वोटों से पीछे चल रहे हैं।
मालूम हो कि एमएनएफ नेता और सीएम जोरमथांगा आईजोल पूर्व-1 सीट से रिकॉर्ड सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। सीएम जोरमथांगा ने हाल ही मे मणिपुर हिंसा को लेकर कहा था कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने यहां आएंगे तो वह उनके साथ मंच साझा नहीं करेंगे।
जोरमथांगा ने यह बयान इस कारण दिया था क्योंकि मणिपुर की तरह मिजोरम में ज्यादातर लोग इसाई हैं। जब मणिपुर में कूकी-मैतियों संघर्ष हुआ था तो उस दौरान दंगाइयों ने सैकड़ों चर्चों को भी जलाया था।
एमएनएफ चीफ जोरमथंगा ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि वो इस तरह की हिंसा के सख्त खिलाफ हैं। उन्होंने कहा था कि ऐसे में इस समय उनके लिए और उनकी पार्टी एमएनएफ के लिए भाजपा के प्रति सहानुभूति रखना बेहद कठिन होगा। उन्होंने कहा था कि बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री मोदी मिजोरम में प्रचार के लिए अकेले आएं और अपना मंच खुद संभालें।