महबूबा मुफ्ती ने दी कश्मीर प्रशासन को चेतावनी, बोलीं- "घाटी में वक्फ संपत्तियों के साथ हुई छेड़छाड़ तो होंगे गंभीर परिणाम"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 30, 2022 08:36 PM2022-09-30T20:36:11+5:302022-09-30T20:39:54+5:30
महबूबा मुफ्ती ने वक्फ संपत्तियों के मामले में कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन वक्फ की संपत्तियों के संबंध में कोई भी फैसला करने से पहले उसकी गंभीरता को अच्छे से परख ले क्योंकि अगर कश्मीरी आवाम की भावनाओं के साथ कोई खिलवाड़ होता है तो उसके लिए प्रशासन सीधे तौर पर जिम्मेदार होगा।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने वक्फ संपत्तियों के मामले में सीधे तौर पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इन संपत्तियों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ या धांधली करने का प्रयास हुआ तो उसका बहुत घातक परिणाम होगा।
मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन वक्फ की संपत्तियों के संबंध में कोई भी फैसला करने से पहले उसकी गंभीरता को अच्छे से परख ले क्योंकि अगर कश्मीरी आवाम की भावनाओं के साथ कोई खिलवाड़ होता है तो उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा और अगर स्थिति विस्फोटक होती है तो उसके लिए भी कश्मीर प्रशासन ही जिम्मेदार होगा।
उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों के संबंध में जम्मू-कश्मीर प्रशासन अपनी नीतियों पर फिर से विचार करे क्योंकि उन्हें बिना किसी कानूनी प्रवधानों के आनन-फानन में लागू किया जा रहा है और इससे कश्मीरी लोगों की भावनाएं बहुत आहत हैं।
पूर्व सीएम मुफ्ती ने सरकार और वक्फ के कुछ पदाधिकारियों द्वारा कश्मीर के ईदगाह को अन्य सुविधाओं के लिए परिवर्तित किये जाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि मीर सैयद अली हमदानी ने 600 साल पहले यह जमीन कश्मीर के मुसलमानों को ईदगाह के लिए दान में दी थी।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, “ईदगाह के बारे में जारी किए गए बयानों ने स्थानीय मुस्लिम आबादी की भावनाएं आहत हुई हैं और वे प्रशासन के इस कदम को बेहद आशंका की नजर से देख रहे हैं। कश्मीर की आवाम चाहती है कि कोई भी फैसला उनकी इच्छा के खिलाफ न लिया जाए। इसके बहुत ही गंभीर परिणाम हो सकते हैं।”
इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन आवाम के सब्र का इम्तिहान न ले। महबूबा मुफ्ती ने प्रशासन के फैसले पर अफसोस जताते हुए कहा, “प्रशासन हमारी सलाह पर ध्यान नहीं देता है, सरकार ने पूरे सूबे की हालत प्रेशर कुकर की तरह की कर दी है और वो कभी भी फट सकता है क्योंकि मौजूदा प्रशासन आवाम की आर्थिक और सामाजिक हालात को कमजोर करने में लगा हुआ है।”
उन्होंने कहा, किसी भी चीज की एक सीमा होती है, जिस तरह से घाटी के लोगों का अपमान किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि सरकार अपनी जनता के खिलाफ युद्ध कर रही है। मुफ्ती ने कहा कि इस सरकार का कोई चरित्र नहीं है। इसलिए इसे किसी भी समुदाय की ओर से निर्णय लेने का अधिकार है, खासकर मुस्लिम समुदाय से जुड़े वक्फ की संपत्तियां के मामले में।
उन्होंने कहा कि यह सरकार सीधे तौर पर वक्फ की संपत्तियों का अतिक्रमण कर रही है और भाजपा के सहयोगी संगठनो द्वारा वक्फ की संपत्तियों पर दावा किया जा रहा है। वक्फ की संपत्तियों पर सरकार की गलत नियत की शुरूआत पीर पांचाल इलाके से शुरू हुई है, जहां प्रशासन ने वक्फ संपत्ति के नाम पर लोगों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की। मौजूदा जम्मू-कश्मीर प्रशासन पीर पांचाल, चिनाब और अन्य क्षेत्रों की शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है।