मध्य प्रदेश: मुस्लिम शख्स पर धर्मांतरण का मामला दर्ज, 10 दिन पहले बजरंग दल ने हिंदू महिला के साथ जबरन ट्रेन से उतारा था
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 26, 2022 09:24 AM2022-01-26T09:24:13+5:302022-01-26T09:32:04+5:30
करीब 10 दिन पहले ही आसिफ शेख और 25 वर्षीय साक्षी जैन को बजरंग दल के सदस्यों ने तब ट्रेन से उतारकर उज्जैन रेलवे स्टेशन की पुलिस को सौंप दिया था जब दोनों एक साथ जयपुर के लिए जा रहे थे और शख्स पर धर्मांतरण का आरोप लगाया गया था।
भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस ने एक महिला की लिखित शिकायत पर एक शख्स पर जबरन धर्मांतरण करवाने और फिरौती का मामला दर्ज कर लिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 10 दिन पहले ही आसिफ शेख और 25 वर्षीय साक्षी जैन को बजरंग दल के सदस्यों ने तब ट्रेन से उतारकर उज्जैन रेलवे स्टेशन की पुलिस को सौंप दिया था जब दोनों एक साथ जयपुर के लिए जा रहे थे और शख्स पर धर्मांतरण का आरोप लगाया गया था।
उज्जैन जीआरपी की पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने तब कहा था कि शेख और महिला पारिवारिक मित्र थे और एक-दूसरे को सालों से जानते थे। वे दो सहमत वयस्क थे और कोई अपराध नहीं था, (इसलिए) उन्हें जाने दिया गया। उनके माता-पिता के आने तक उन्हें थाने में बैठाया गया। बयान दर्ज होने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें खुद को बजरंद दल का सदस्य बताने वाले तीन लोग शेख को ट्रेन के कोच से घसीटकर बाहर ला रहे थे जबकि महिला उनके पीछे चल रही थी।
मुस्लिम लड़का और गैर मुस्लिम लड़की MP उज्जैन से ट्रेन में जा रहे थे, हिंदू संगठन वालों को खबर लगी तो वहाँ पहुँचकर लड़के को पीटते हुए थाने ले गए, जाँच के बाद पुलिस ने बताया कि लड़का और लड़की दोनों शादीशुदा हैं, दोनों में पारिवारिक संबंध भी है, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें जाने दिया… pic.twitter.com/Q6u0md3pMC
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) January 18, 2022
वहीं, पुलिस स्टेशन के एक वीडियो में महिला बजरंग दल के लोगों पर चिल्ला रही थी और कह रही थी कि तुम्हारी एक गलती मेरी जिंदगी बर्बाद कर सकती है। मैं एक बालिग हूं और स्कूल में शिक्षक हूं, मैं बच्चों को पढ़ाती हूं।
24 जनवरी को इंदौर के महू थाने में आसिफ के खिलाफ फिरौती और जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयास के आरोप में एक नई प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
थाना प्रभारी अरुण सोलंकी के अनुसार, उस दिन जैन द्वारा एक लिखित आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया था कि आसिफ उनके पति का दोस्त है और उसने कथित तौर पर आपत्तिजनक तस्वीरें क्लिक की थीं और उनका इस्तेमाल उसे ब्लैकमेल करने और पैसे की मांग करने के लिए कर रहा था। उसने यह भी आरोप लगाया कि आसिफ इन तस्वीरों का इस्तेमाल उस पर शादी के लिए दबाव बनाने के लिए कर रहा है।
सोलंकी ने कहा कि जैन का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया जबकि आसिफ को नोटिस जारी किया गया। वह पुलिस स्टेशन आए और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया।