Madhya Pradesh Assembly Election Result 2023:MP में आखिर क्यों हारे मंत्री, भाजपा के 27, कांग्रेस के 60 विधायक हारे,मंत्री नरोत्तम-कमल की हार ने चौंकाया
By आकाश सेन | Updated: December 4, 2023 16:01 IST2023-12-04T15:56:29+5:302023-12-04T16:01:16+5:30
भोपाल: मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में जनता का जनादेश आ चुका है । इस बार शिवराज सरकार ने 33 में से 31 मंत्रियों को मैदान में उतारा था । इनमें से 12 मंत्री हार गए हैं। यानी करीब 39 फीसदी को जनता ने नकार दिया। एमपी के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस की घेराबंदी में ऐसे उलझे कि बाहर ही नहीं निकल पाएं। 2018 में 27 मंत्री चुनाव में उतरे थे, जिनमें से 13 हार गए थे। यानी 48% को लोगों ने मंत्रियों को नापसंद किया था।

Madhya Pradesh Assembly Election Result 2023:MP में आखिर क्यों हारे मंत्री, भाजपा के 27, कांग्रेस के 60 विधायक हारे,मंत्री नरोत्तम-कमल की हार ने चौंकाया
भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दो तिहाई बहुमत से जीत दर्ज की है। भाजपा का वोट शेयर 7.53% बढ़ा । 230 सीटों में से पार्टी को 163 सीटें मिली हैं। ये 2018 से 54 ज्यादा हैं। कांग्रेस का वोट शेयर 0.49% घटा और पार्टी 114 से नीचे आकर 66 सीट पर सिमट गई। सपा, बसपा, आप और निर्दलियों का खाता तक नहीं खुला। मात्र एक सीट भारत आदिवासी पार्टी BAP ने जीती है।
विधानसभा चुनाव में मोदी इफेक्ट और लाड़ली बहना इम्पैक्ट दिखा। इसके बावजूद भाजपा के 99 विधायकों में से 27 और 31 मंत्रियों में से 12 हार गए। 3 केंद्रीय मंत्रियों में फग्गन सिंह कुलस्ते, 4 सांसदों में गणेश सिंह भी हारे हैं। सिंधिया समर्थक 19 कैंडिडेट में से 9 नहीं जीत पाए। नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल की शिकस्त ने चौंकाया। इधर, कांग्रेस ने 85 विधायकों को टिकट दिया था, जिनमें 60 को हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा को पिछली बार से 7.53% वोट शेयर ज्यादा
इस चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 2018 के मुकाबले 7.53 फीसदी बढ़ा। सीटों की संख्या भी 109 से बढ़कर 163 पर पहुंच गई। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर 2018 के मुकाबले 0.49 प्रतिशत घट गया। सीटें 114 के मुकाबले 66 ही रह गईं। 2018 के मुकाबले कांग्रेस को 48 सीटों का नुकसान हुआ है।
• दतिया से गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस के राजेंद्र भारती से 7,742 वोटों से हार गए। भारती तीसरी बार नरोत्तम के खिलाफ मैदान में थे। कांग्रेस ने यहां पहले भाजपा से आए अवधेश नायक को टिकट दिया था, लेकिन बाद में बदलकर भारती को ही उतारा। नायक और भारती दोनों मिलकर लड़े। भारती को सहानुभूति मिली।
• लहार सीट से 7 बार के विधायक डॉ. गोविंद सिंह भाजपा के अम्बरीश शर्मा गुड्डू से 12,397 वोट से हार गए। इस सीट पर पहली बार भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला हुआ। बसपा की टिकट पर उतरे गोविंद के रिश्तेदार रसाल सिंह ने कहा था- मैं भाजपा के गुड्डू को हराने के लिए मैदान में उतरा हूं। इस बयान से गुड्डू के पक्ष में माहौल बना।
• हरदा सीट से पूर्व मंत्री कमल पटेल भी हार गए हैं। उन्हें कांग्रेस के आरके दोगने ने 870 वोटों से मात दी।
मप्र के यह मंत्री चुनाव नहीं जीत सके
1 - दतिया से डॉ. नरोत्तम मिश्रा
2 - हरदा से कमल पटेल
3 - बमोरी से महेंद्र सिंह सिसौदिया
4 - बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल
5 - अटेर से अरविंद सिंह भदौरिया
6 - बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव
7 - बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन
8 - ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह
9 - अमरपाटन से रामखेलावन पटेल
10 - पारसवाड़ा से राम किशारे कांवरे
11 - पोहरी से सुरेश धाकड़
12 - खरगापुर से राहुल सिंह लोधी चुनाव हारे
कुल मिलाकर एमपी में बीजेपी ने भले ही विधानसभा चुनावों में जीत का पंच लगाकर पांचवी बार प्रदेश में सरकार बनाई है। लेकिन 12 मंत्रियों की हार ने जरुर बीजेपी को भी मंथन पर विवश किया है । क्योकिं मोदी इम्पेक्ट और लाड़ली बहना का इम्पेक्ट के असर से क्लीन स्वीप के साथ प्रदेश में प्रचंड जनादेश तो बीजेपी को मिला है ... लेकिन मंत्रियों की हार से सबक बी दे गया।