बिहारः महागठबंधन छोड़ने के बावजूद जनता का भरोसा नीतीश पर कायम, लालू के नहीं रहने से यादव वोट बिखरे

By आदित्य द्विवेदी | Published: May 27, 2019 10:28 AM2019-05-27T10:28:55+5:302019-05-27T10:30:43+5:30

Lokniti-CSDS Post Poll Survey: पीएम मोदी के करिश्मे और मुख्यमंत्री नीतीश की छवि ने बिहार में महागठबंधन की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 40 में से 39 सीटें एनडीए के खाते में आई हैं।

Lokniti-CSDS Post Poll Survey in Bihar: Factors in Lok Sabha Elections 2019 that helped NDA | बिहारः महागठबंधन छोड़ने के बावजूद जनता का भरोसा नीतीश पर कायम, लालू के नहीं रहने से यादव वोट बिखरे

बिहारः महागठबंधन छोड़ने के बावजूद जनता ने नीतीश पर भरोसा जताया, ब्राह्मण-दलित-OBC ने जिताया!

Highlightsकेंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार से बिहार की जनता संतुष्ट दिखाई दी। NDA ने बिहार की 40 संसदीय सीटों में 39 सीटों पर अप्रत्याशित सफलता हासिल की है।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने बिहार की 40 संसदीय सीटों में 39 सीटों पर अप्रत्याशित सफलता हासिल की है। सिर्फ एक सीट कांग्रेस ने जीती है। यहां मुख्य मुकाबला एनडीए (बीजेपी, जेडीयू, लोजपा) और यूपीए (आरजेडी, कांग्रेस, आरएलएसपी,  हम, वीआईपी) के बीच था। एनडीए ने 53 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की।

लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी की स्थिति दयनीय रही और उसे महज 15 प्रतिशत वोट हासिल हुए। अधिकांश सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों के जीत का अंतर एक लाख से ज्यादा था। लोकनीति-सीएसडीएस के बिहार पोस्ट पोल सर्वे में बीजेपी तमाम जातीय समीकरण ध्वस्त करती हुई दिख रही है।

जातियों का वोटिंग पैटर्न

लोकनीति-सीएसडीएस के पोस्ट पोल सर्वे के मुताबिक बिहार में आरजेडी के कोर वोटर माने जाने वाले यादवों में एनडीए ने सेंध लगाई। करीब 21 फीसदी यादव मतदाताओं ने एनडीए प्रत्याशियों को वोट दिया। इसके अलावा नीतीश कुमार और राम विलास पासवान की बदौलत अनुसूचित जातियों ने भी एनडीए को एकमुश्त वोट दिया।

कोइरी-कुर्मी के 70 प्रतिशत मतदाता और अन्य ओबीसी जातियों के 76 प्रतिशत मतदाता एनडीए के साथ दिखाई दिए। इसका असर ये हुआ कि महागठबंधन को सिर्फ किशनगंज संसदीय सीट पर जीत मिली। यह सीट कांग्रेस के खाते में गई। 

बता दें कि आरजेडी के गठन के बाद पहला ऐसा लोकसभा चुनाव है जिसमें इस पार्टी का कोई सदस्य लोकसभा चुनाव जीतने में सफल नहीं रहा। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में तीन सीटें जीतने वाली उपेंद्र कुशवाहा खुद दो जगह से चुनाव हार गए।

सरकार के काम-काज से संतुष्टि

केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार से बिहार की जनता संतुष्ट दिखाई दी। इसका भी असर नतीजों में साफ दिखाई देता है। लोकनीति-सीएसडीएस सर्वे के मुताबिक तीन-चौथाई वोटर एनडीए सरकार के काम-काज से संतुष्ट हैं। वहीं, 50 प्रतिशत मतदाताओं का मानना था कि पिछले पांच सालों में उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

सर्वे के मुताबिक 75 प्रतिशत मतदाता मोदी सरकार के काम-काज से संतुष्ट हैं वहीं 76 प्रतिशत नीतीश सरकार के काम-काज से संतुष्ट हैं। नीतीश कुमार के महागठबंधन को छोड़ने का मुद्दा पिछले दो सालों से आरजेडी ने लगातार उठाया। कई बार तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को पलटू चाचा भी कहा, लेकिन लोकनीति के सर्वे में अधिकतर वोटर नीतीश के कामकाज से खुश हैं।

English summary :
Lokniti-CSDS Post Poll Survey in Bihar: Factors in Lok Sabha Elections 2019 that helped NDA (BJP and Nitish Kumar lead JDU alliance) in registering an unexpected win in Bihar Elections 2019.


Web Title: Lokniti-CSDS Post Poll Survey in Bihar: Factors in Lok Sabha Elections 2019 that helped NDA



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