Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग ने पहले और दूसरे चरण के मतदान का डेटा जारी किया, कांग्रेस ने इस देरी को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 2, 2024 07:21 AM2024-05-02T07:21:16+5:302024-05-02T07:29:31+5:30
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में हुए मतदान का डेटा देरी से जारी करने के लिए चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना की है।
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के पहले और दूसरे चरण के हुए मतदान का डेटा देरी से जारी करने के लिए चुनाव आयोग की कड़ी आलोचना की है। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने बीते बुधवार को चुनाव के पहले और दूसरे चरण में मतदान के आंकड़ों को साझा करने में हुई देरी को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है।
कांग्रेस पार्टी के आईटी सेल के मुखिया जयराम रमेश ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये एक पोस्ट में कहा, "चुनाव आयोग के नवीनतम डेटा रिलीज के साथ दो मुद्दे 'उभरे' हैं। कल देर रात पहले चरण के लिए 11 दिनों और दूसरे चरण के लिए 4 दिनों की देरी के बाद आयोद ने अंततः मतदान प्रतिशत डेटा जारी किया, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य देरी है। हालांकि आयोग के नवीनतम डेटा से दो मुद्दे उभर कर सामने आए हैं।"
पहले चरण के बाद 11 दिन और दूसरे चरण के बाद 4 दिन की पूरी तरह से अस्वीकार्य देरी के बाद चुनाव आयोग ने अंततः मतदान प्रतिशत का डेटा जारी किया। लेकिन, आयोग द्वारा रिलीज़ किए गए ताज़ा डेटा में दो मुद्दे सामने आए हैं -
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 1, 2024
1. हर लोकसभा में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या और उन लोकसभा…
कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले और दूसरे चरण के मतदान वाले लोकसभा सीटों पर पंजीकृत मतदाताओं की संख्या और उस लोकसभा क्षेत्र में शामिल विधानसभा क्षेत्रों का मतदान डेटा आयोग ने एकसाथ प्रकाशित नहीं किया गया है, जैसा कि आमतौर पर किया जाता है।
उन्होंने कहा, "न कि केवल वोट प्रतिशत बल्कि मतों की संख्या का विवरण भी आम तौर पर चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है, जो अभी तक सामने नहीं आया है।"
जयराम रमेश ने इस बात पर जोर देते हुए कि इस तरह के डेटा को जारी करने का पूरा उद्देश्य इसे समय के साथ तुलनात्मक बनाना है।
उन्होंने कहा, "मतदान प्रतिशत जारी करने में चुनाव आयोग की विफलता मतदाता डेटा को एक ही प्रारूप में जारी करने के मूल उद्देश्य को विफल कर देता है। इससे कोई केवल यही आशा कर सकता है कि ऐसे डेटा के माध्यम से राजनीतिक खेल नहीं खेला जा रहा है।"
चल रहे आम चुनावों के लिए पहले चरण के मतदान के 10 दिन से अधिक समय के बाद और दूसरे चरण के मतदान के चार दिन बाद आयोग ने 30 अप्रैल को दो दौर के लिए अंतिम मतदान के आंकड़े जारी किए। जबकि पहले चरण में 66.14 प्रतिशत मतदान हुआ था हुआ, वहीं दूसरे चरण के लिए 66.7 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह आंकड़ा 2019 के चुनावों की तुलना में पहले चरण के लिए 4 प्रतिशत कम और दूसरे चरण के लिए 3 प्रतिशत से कम है।
20 अप्रैल को 102 सीटों पर पहले चरण के मतदान के एक दिन बाद आयोग ने 65.5 प्रतिशत मतदान का अनुमान लगाया था और 27 अप्रैल को चुनाव आयोग के सूत्रों ने 88 सीटों वाले दूसरे चरण के लिए 66.7 प्रतिशत मतदान का संकेत दिया था।
हालांकि चुनाव निकाय ने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या जारी नहीं की। विपक्षी दलों, जिन्होंने पहले दिन में इस मुद्दे को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा डेटा जारी करने के बाद इस ओर ध्यान दिलाया था।
,साल 2019 में पहले चरण की 102 सीटों पर लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ था और दूसरे चरण में 88 सीटों में से 83 सीटों पर मतदान हुआ था।