Lok Sabha Elections 2024: अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव टलने से हुआ विवाद, नेशनल कांफ्रेस, पीडीपी उतरी विरोध में, जानिए सियासत की असली गुत्थी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 1, 2024 10:02 AM2024-05-01T10:02:23+5:302024-05-01T10:09:15+5:30
चुनाव आयोग द्वारा केंद्र शासित प्रदेश की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर मतदान टालने के बाद जम्मू-कश्मीर की सियासत में विवाद बढ़ गया है और वहां की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं।
कश्मीर: चुनाव आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर 7 मई से 25 मई तक मतदान में विलंब करने की भारतीय जनता पार्टी और कुछ स्थानीय पार्टियों की मांग पर सहमति व्यक्त की है। इसके बाद से जम्मू-कश्मीर की सियासत में विवाद बढ़ गया है और वहां की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी आयोग के इस फैसले से नाखुश हैं। दोनों पार्टियों का कहना है कि यह उन पर तब थोपा गया है जब भाजपा जैसी पार्टियां, जो घाटी की तीन सीटों में से किसी पर भी चुनाव नहीं लड़ रही हैं।
दिलचस्प बात यह है कि जम्मू-कश्मीर की अन्य त्रेक्षीय पार्टियां मसलन पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने आयोग से चुनाव स्थगित करने की मांग की है। भाजपा सहित इन दलों ने यह कहते हुए चुनाव स्थगित करने की मांग की कि भारी बारिश, बर्फबारी और भूस्खलन के कारण निर्वाचन क्षेत्र में काम कराना आसान नहीं होगा और लोगों को चुनावी बूथ तक पहुंचने में कठिनाई होगी।
अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र को 2022 में किए गए परिसीमन अभ्यास में तैयार किया गया था। पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नेशलन कांफ्रेस के मियां अल्ताफ और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद पार्रे के बीच इस सीट के लिए चुनावी मुकाबला करेंगे। लोकसभा के इस निर्वाचन क्षेत्र में घाटी की 11 और जम्मू के सात विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव टलने के बाद चर्चा है कि चारों पार्टियां प्रचार के लिए अधिक समय पाने और अपनी संभावनाएं बेहतर करने के लिए चुनाव टालना चाहती थीं। संभावना बन रही है कि यही वजह है कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी चुनाव टालने के विरोध में है।
पीडीपी प्रवक्ता मोहित भान ने चुनाव टलने पर कहा कि यह दिल्ली की सरासर घबराहट का असर है। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चलाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चुनाव की तारीख बदलने को भाजपा की प्रॉक्सी पार्टियों को गंदा काम बता रही हैं।
राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद नए कश्मीर की भाजपा की कहानी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “पूरे निर्वाचन क्षेत्र को घेरने के बाद लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रक्रियात्मक स्थान से वंचित करना दिखाता है कि दिल्ली कैसी है। लोगों की मनोदशा और नया कश्मीर के बारे में उनकी असफल कहानी से मैं अच्छे से वाकिफ हूं।”