Lok Sabha Elections 2024: "कांग्रेस के 'राजकुमार' लिखित में दें कि वे धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देंगे", पीएम मोदी का राहुल गांधी पर हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 2, 2024 09:56 AM2024-05-02T09:56:35+5:302024-05-02T10:29:22+5:30
लोकसभा चुनाव में भाजपा न केवल संपत्ति के बंटवारे और विरासत टैक्स को लेकर कांग्रेस को घेर रही है बल्कि मुसलमानों के आरक्षण के मुद्दे पर देश की सबसे पुरानी पार्टी पर जमकर निशाना साध रही है।
नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर केंद्र में मौजूदा सत्ता की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का नेतृत्व कर रही कांग्रेस के बीच जमकर जुबानी जंग चल रही है।
इसी क्रम में भाजपा न केवल संपत्ति के बंटवारे और विरासत टैक्स को लेकर कांग्रेस को घेर रही है बल्कि भाजपा मुसलमानों के लिए आरक्षण जैसे गंभीर विषय पर भी देश की सबसे पुरानी पार्टी पर जमकर निशाना साध रही है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार भाजपा की ओर से कांग्रेस पर हमले की कमान संभाले हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार को गुजरात में आयोजित एक चुनावी रैली में कहा कि कांग्रेस मुसलमानों के आरक्षण के संबंध में अपना रुख देश के सामने स्पष्ट करे।
वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सत्ताधारी भाजपा पर संविधान को बदलने और आरक्षण खत्म करने के इरादे से लोकसभा में बहुमत पाने के लिए चुनाव में भाजपा द्वारा '400 के पार' नारे को आरोपों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी और उसके राजकुमार को लिखित में देना चाहिए कि वे कभी भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देंगे और संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे।"
इसके साथ पीएम मोदी ने विपक्ष पर यह भी अफवाह फैलाने का आरोप लगाया कि भाजपा एससी, एसटी और ओबीसी के लिए मौजूदा आरक्षण में कटौती करना चाहती है।
दरअसल कांग्रेस ने आरएसएस से जुड़ी पत्रिका द ऑर्गनाइज़र के 1949 में प्रकाशित एक लेख का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि संविधान ने मनुस्मृति जैसे कानूनी ग्रंथों की अनदेखी की है। इसी मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों से नामांकन पत्र दाखिल करते समय और चुनावी रैलियों संविधान की एक प्रति अपने साथ रखने की अपील की है।
जहां तक धन बंटवारे का का सवाल है तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब पीएम मोदी के दावों को खारिज करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पहुंच तेज कर रहे हैं कि कांग्रेस का घोषणापत्र लोगों के पैसे और आभूषण वापस लेने की बात करता है। कांग्रेस की ओर से उठाया गया धन बंटवारे का मुद्दा ऐसा है, जो चुनावी जमीन पर व्यापक रूप से गूंज रहा है।