INDORE LS polls 2024: मप्र उच्च न्यायालय ने खारिज की ‘‘डमी’’ उम्मीदवार की याचिका, इंदौर में कांग्रेस को एक और झटका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 30, 2024 06:47 PM2024-04-30T18:47:38+5:302024-04-30T18:48:43+5:30

INDORE LS polls 2024: न्यायमूर्ति विवेक रूसिया ने याचिकाकर्ता और चुनाव आयोग की दलीलें सुनने के बाद सिंह की रिट याचिका खारिज कर दी।

INDORE LS polls 2024 CONGRESS vs bjp Madhya Pradesh High Court rejects plea of ​​dummy candidate another blow Congress | INDORE LS polls 2024: मप्र उच्च न्यायालय ने खारिज की ‘‘डमी’’ उम्मीदवार की याचिका, इंदौर में कांग्रेस को एक और झटका

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Highlightsचुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए।चुनावी दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके हैं।याचिकाकर्ता द्वारा उठाया गया मामला चुनाव याचिका का विषय है।

INDORE LS polls 2024: कांग्रेस को इंदौर लोकसभा क्षेत्र में एक बार फिर झटका लगा, जब मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने उसके "डमी" (वैकल्पिक) उम्मीदवार मोती सिंह की रिट याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। सिंह का नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी द्वारा चार दिन पहले खारिज किया जा चुका है, लेकिन उन्होंने इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के पर्चा वापस लेने का हवाला देते हुए अदालत से गुहार लगायी थी कि उन्हें पार्टी के चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए।

न्यायमूर्ति विवेक रूसिया ने याचिकाकर्ता और चुनाव आयोग की दलीलें सुनने के बाद सिंह की रिट याचिका खारिज कर दी। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी की कि चूंकि सिंह का पर्चा खारिज हो चुका है और उनका नाम चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की अंतिम सूची में नहीं है, इसलिए वह चुनावी दौड़ से पहले ही बाहर हो चुके हैं।

एकल पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाया गया मामला चुनाव याचिका का विषय है। सिंह की ओर से अदालत में कहा गया कि निर्वाचन अधिकारी ने उनका पर्चा दस्तावेजों की छानबीन के दौरान 26 अप्रैल को केवल इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह महज वैकल्पिक उम्मीदवार है, जबकि बम पार्टी के स्वीकृत प्रत्याशी हैं।

कांग्रेस के "डमी" उम्मीदवार की ओर से कहा गया कि चूंकि बम ने पर्चा वापस ले लिया है, इसलिए चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन आदेश) 1968 के तहत सिंह को कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे के साथ के साथ पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।

उधर, चुनाव आयोग की ओर से सिंह की याचिका के खिलाफ दलील दी गई कि यह मामला ‘‘रिले रेस’’ की तरह है, यानी "बैटन" थामे रखने के लिए धावक को दौड़ में बने रहना होता है। चुनाव आयोग की ओर से यह भी कहा गया कि निर्वाचन अधिकारी ने सिंह का पर्चा इसलिए रद्द किया क्योंकि उन्होंने इसमें 10 प्रस्तावकों का कॉलम खाली छोड़ दिया था।

बम ने इंदौर में कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए सोमवार (29 अप्रैल) को अपना नामांकन वापस ले लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इसके साथ ही भाजपा का मजबूत गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस की चुनौती समाप्त हो गई जहां वह पिछले 35 साल से जीत की बाट जोह रही है। इंदौर सीट के उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की सोमवार (29 अप्रैल) को आखिरी तारीख थी। इस क्षेत्र में 13 मई को मतदान होगा और चार जून को मतगणना की जाएगी।

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