Hemant Soren Case: "सत्ता का दबाव बनाकर हेमंत सोरेन ने रांची में 31 करोड़ की जमीन 'जबरन' हासिल की", ईडी ने कोर्ट में दायर चार्जशीट में कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 5, 2024 12:57 PM2024-04-05T12:57:24+5:302024-04-05T13:16:37+5:30
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर की गई ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि उन्होंने सत्ता का रसूख इस्तेमाल करके रांची में जमीन पर जबरन कब्जा किया।
रांची:झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि उसने रांची में कथित तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष की 8.86 एकड़ जमीन कुर्क की है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार ईडी ने रांची की कोर्ट में झामुमो नेता हेमंत सोरेन सहित चार अन्य भानु प्रताप प्रसाद, राज कुमार पाहन, हिलारियास कच्छप और बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि एजेंसी ने गुरुवार को अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया है। केंद्रीय एजेंसी ने अदालत से रांची में 8.86 एकड़ जमीन जब्त करने का अनुरोध किया है।
वित्तीय अपराध जांच एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि झारखंड में भू-माफियाओं का एक रैकेट सक्रिय था, जो रांची में भूमि रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करता था।"
जांच के दौरान ईडी ने यह पाया गया कि उक्त भू-माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए भूमि के स्वामित्व रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा किया गया और बाद में जाली भूमि रिकॉर्ड के आधार पर ऐसे भूमि को अन्य व्यक्तियों को बेच दिया गया।
केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि इस संपत्ति के अवैध अधिग्रहण, कब्जे या उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए इन जमीनों के मूल स्वामित्व के साथ या तो छेड़छाड़ की गई है या इसे छुपाया गया है।
जिस जमीन को कथित तौर पर हेमंत सोरेन द्वारा अधिग्रहित किया गया है, उसका आकार लगभग 8.86 एकड़ है और यह रांची के बरियातू रोड में स्थित है। ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि शहरी आवासीय संपत्ति की दर 3,50,680 रुपया प्रति दशमलव के अनुसार इसका मूल्य 31,07,02,480 रुपये था।
एजेंसी ने कहा कि सोरेन 2010-11 से छिपे हुए और गुप्त तरीके से इस अचल संपत्ति पर कब्जा किया था। सोरेन ने कब्जे के लिए "झूठे सबूत" बनाने के लिए "अपनी शक्ति और प्रभाव का दुरुपयोग" किया था।
एजेंसी ने कहा कि उन्होंने बैजनाथ मुंडा और उनके चचेरे भाई श्यामलाल पाहन के रूप में पहचाने गए व्यक्तिों का बयान दर्ज किया है, जिन्होंने दावा किया है कि जिस जमीन पर सोरेन ने कथित तौर पर कब्जा कर लिया है, वह मूल रूप से उनके पूर्वजों के स्वामित्व में थी और हेमंत सोरने के पिता शिबू सोरेन ने इसे जबरदस्ती हासिल किया था।
इस संबंध में श्यामलाल पाहन की शिकायत हेमंत सोरेन के उच्च प्रभाव के कारण किसी भी पुलिस स्टेशन में स्वीकार नहीं की गई।