Gandhi jayanti 2023: राष्ट्रपिता के जीवन से जुड़े कुछ अनसुने सच, जानेंगे तो हो जाएंगे शॉक
By आकाश चौरसिया | Updated: September 30, 2023 16:31 IST2023-09-30T16:23:18+5:302023-09-30T16:31:28+5:30
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन से लड़ते हुए भारतीयों को काफी कुछ सिखाया है जिससे आज भी उनकी जयंती देशभर में काफी धूम धाम से मनाई जा रही है। इस अवसर पर उनसे जुड़े कुछ ऐसे सच बताने जा रहे जो आपको भी पता नहीं होंगे।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: महात्मा गांधी देश में राष्ट्र पिता और बापू के नाम से तो मशहूर थे ही लेकिन इस बीच विश्व में भी उनकी खासियत का डंका बजता रहा है। इन्हीं बातों से जुड़े कुछ ऐसे सच बताएंगे जो आपको अब तक नहीं पता थे।
बापू ने ब्रिटिश शासन से लड़ते हुए भारतीयों को काफी कुछ सिखाया है जिससे आज भी उनकी जयंती देशभर में काफी धूम धाम से मनाई जा रही है।
महात्मा गांधी ने सिर्फ एक साल ही महाराष्ट्र की यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई में लॉ की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया था। फिर, बाद में वो यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई 1891 में करने चले गए थे।
महात्मा गांधी ने इंग्लैंड की बार काउंसिल में भी काम किया है और इसके बाद वो दक्षिण अफ्रीका में भारतीय कारोबारी का केस लड़ने भी पहुंचे थे।
वहीं, 1921 में महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता के रुप में ज्वाइन हुए थे और आधिकारिक तौर पर उन्होंने निजी तौर पर सम्राज्यवादी राज्य के विरोध अहिंसा प्रदर्शन कर भारत की आजादी को लेकर शुरुआत की। उन्होंने इसके साथ देश में हुए कई आंदोलनों में भी भाग लिया जिसमें महिलाओं के अधिकार, छुआछूत को समाप्त करना, गरीबी को खत्म करना और स्वराज जैसे आंदोलन रहे जिसने देश में एक नई अलख पैदा की।
महात्मा गांधी से जुड़े कुछ अनसुने सच
देश में ही नहीं 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती मनाई जाती है बल्कि इस दिन को विश्व में भी अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बापू जैसे अंग्रेजी बोलते थे उससे कोई ये नहीं कह पाएगा कि वो भारत से आते थे क्योंकि जब वो बोलते थे तो ऐसा लगता था कि कोई आयरिश व्यक्ति बोल रहा हो।
आपको बता दें कि महात्मा गांधी को नोबल पुरस्कार के लिए 5 बार साल 1937, 1938, 1939,1947 और 1948 में नोमिनेट किया गया। लेकिन वो यह पुरस्कार जीतने में नाकामयाब रहे।
इसके अलावा महात्मा गांधी के नाम देश में 53 मुख्य सड़कों के नाम रखे गए हैं और दूसरी तरफ दुनिया में भी 48 सड़कों को उनके नाम पर रखा गया है।
उनकी मृ्त्यु से जुड़ा तथ्य यह है कि महात्मा गांधी की शव यात्रा करीब 8 किलोमीटर लंबी रही थी।
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने बापू की तस्वीर 500 और 10 रुपये के नोट में 1996 से छापने शुरू किया था।
ब्रिटिश शासन ने अपने देश यानी ग्रेट ब्रिटेन में उनकी तस्वीर स्टैंप पर महात्मा गांधी की मृत्यु हो जाने के 10 वर्ष बाद जारी की।