Congress leader Alamgir Alam: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को झटका, मंत्री आलम पर शिकंजा, 6 दिन के लिए ईडी रिमांड, जानें तीन फेस चुनाव में क्या होगा असर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 16, 2024 01:51 PM2024-05-16T13:51:11+5:302024-05-16T13:53:38+5:30
Congress leader Alamgir Alam: आलमगीर आलम झारखंड की पाकुड़ सीट से विधायक हैं और वह राज्य सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री हैं।
Congress leader Alamgir Alam: धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को बृहस्पतिवार को छह दिनों के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया है। वकीलों ने यह जानकारी दी। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले दिन में मंत्री को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच रांची में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के मामलों से संबंधित अदालत में पेश किया गया था। आलम को ईडी ने बुधवार को कार्यालय में छह घंटे की पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार किया था।
एजेंसी ने मंगलवार को भी आलम से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे। आलमगीर आलम झारखंड की पाकुड़ सीट से विधायक हैं और वह राज्य सरकार में संसदीय मामलों के मंत्री हैं। झारखंड में एक चरण का मतदान हो गया और अभी तीन चरण बाकी है। 20 मई को 3, 25 मई को 4 और 1 जून को 3 सीट पर वोट पड़ेंगे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता एवं झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को उनके सहायक से जुड़े परिसर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद किए जाने के बाद धन शोधन मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। यहां एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दूसरे दिन लगभग छह घंटे तक उनसे सवाल-जवाब किए गए। संघीय एजेंसी ने मंगलवार को उनसे नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था। आलम झारखंड विधानसभा में पाकुड़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और संसदीय कार्य मंत्री भी हैं।
हाल ही में उनके निजी सचिव एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल (52) और घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) की गिरफ्तारी के बाद से आलमगीर ईडी की जांच के दायरे में आ गए थे। लाल और जहांगीर से जुड़े परिसरों पर ईडी ने छह मई को छापा मारा था। आलम ने खुद को लाल की गतिविधियों से दूर रखने की कोशिश की थी और संवाददाताओं से कहा था कि वह ‘‘कानून का पालन’’ करने वाले नागरिक हैं। धन शोधन जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं और ‘‘रिश्वत’’ लेने से संबंधित है।
गिरफ्तार दोनों लोगों की रिमांड की मांग करते हुए, ईडी ने यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत को बताया था कि लाल ने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से ‘‘कमीशन’’ एकत्र किया और ग्रामीण विभाग में ‘‘ऊपर से नीचे’’ तक के सरकारी अधिकारी कथित तौर पर रिश्वत लेने की सांठगांठ में शामिल हैं।
इस मामले में ईडी की ओर से कुल लगभग 36.75 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे क्योंकि एजेंसी ने अन्य स्थानों से भी लगभग तीन करोड़ रुपये जब्त किए थे। लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए राज्य का दौरा कर रहे असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर संवाददाताओं से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार आलमगीर आलम को जनता का पैसा ‘‘डकारने’’ नहीं देगी।
ईडी ने कहा है कि मामले में ‘‘वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं’’ के नाम सामने आए हैं और इसकी जांच की जा रही है। संघीय एजेंसी ने रांची में ग्रामीण विकास मंत्रालय में भी तलाशी ली थी। सितंबर 2020 का धन शोधन मामला झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (जमशेदपुर) के मामले और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मार्च 2023 में राज्य ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम और कुछ अन्य के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से संबद्ध है। राम को पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था।
ईडी ने दावा किया कि राम निविदा आवंटन और काम के निष्पादन में ‘‘कमीशन जुटाता’’ था और 1.5 प्रतिशत का कमीशन अपने वरिष्ठों और नेताओं में ‘‘बांटता’’ था। ईडी ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया था कि इसी तरह के कमीशन के तहत रकम राम ने सितंबर 2022 में लाल को दी थी।
ईडी राज्य के रसूखदार लोगों की संलिप्तता से जुड़े धन शोधन मामलों की जांच कर रही है और यह पिछले दो से तीन वर्षों में पूर्व मुख्यमंत्री एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता हेमंत सोरेन, भारत प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी छवि रंजन और पूजा सिंघल के अलावा राजनीतिक रूप से जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।