"कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते, उसने कच्चातीवू द्वीप श्रीलंका को देकर भारत की एकता को कमजोर किया है", पीएम मोदी का विपक्षी दल पर हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 31, 2024 11:17 AM2024-03-31T11:17:02+5:302024-03-31T11:21:08+5:30
पीएम मोदी ने श्रीलंका को कच्चातीवू द्वीप सौंपे जाने को लेकर इंदिरा सरकार और कांग्रेस पर पर जबरदस्त हमला किया है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 1970 के दशक में कच्चातीवू द्वीप श्रीलंका को देने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस की जमकर आलोचना की है। पीएम मोदी ने एक समाचार पत्र के लेख को साझा करते हुए उन घटनाओं विवरण दिया, जिनके कारण श्रीलंका कच्चातीवू द्वीप पर दावदारी करने में भारत से आगे निकल गया। उन्होंने कच्चातीवू द्वीप के संदर्भ में कहा कि कांग्रेस पार्टी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पीएम मोदी ने एक समाचार लेख साझा करते हुए उन घटनाओं का विस्तृत विवरण दिया, जिनके कारण श्रीलंका द्वीप पर आगे निकल गया। उन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस पार्टी भरोसा करने के लायक नहीं है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, "आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाला! नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने कैसे बेरहमी से कच्चातीवू को श्रीलंका को दे दिया। इससे हर भारतीय नाराज है और इससे पुष्टि होती है कि लोग कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते।"
Eye opening and startling!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 31, 2024
New facts reveal how Congress callously gave away #Katchatheevu.
This has angered every Indian and reaffirmed in people’s minds- we can’t ever trust Congress!
Weakening India’s unity, integrity and interests has been Congress’ way of working for…
उन्होंने कांग्रेस पर भारत की एकता को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 वर्षों से काम करने का तरीका रहा है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस लेख को एक्स पर शेयर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कच्चातीवू मुद्दे को महत्वहीन बताकर खारिज कर दिया था। लेख में यह भी दावा किया गया कि फैसले के खिलाफ विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद नेहरू ने उस मुद्दे को छोड़ दिया था।
मालूम हो कि पीएम मोदी ने पिछले साल संसद में कहा था कि भारत की इंदिरा गांधी सरकार ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को दे दिया था। पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा था, ''इन लोगों ने राजनीति के लिए भारत माता को तीन हिस्सों में बांट दिया था।"
उन्होंने कहा था, ''कच्चतीवू तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच एक द्वीप है। किसी ने इसे दूसरे देश को दे दिया और यह फैसला इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने लिया था।''
आजादी के बाद भी भारत के रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच स्थित कच्चातिवु द्वीप का उपयोग पारंपरिक रूप से श्रीलंकाई और भारतीय दोनों मछुआरों द्वारा किया जाता था। 1974 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने कच्चातिवु को श्रीलंकाई क्षेत्र के रूप में स्वीकार किया था।
पीएम मोदी ने हाल ही में तमिलनाडु की एक रैली में भी यह मुद्दा उठाया था। इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने 15 मार्च को कन्याकुमारी में अपनी रैली में "स्पष्ट झूठ" बोला था कि तमिलनाडु के मछुआरों को केवल द्रमुक के पिछले "पाप" के कारण श्रीलंका से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्टालिन ने कहा था, "तमिलनाडु के लोग सही इतिहास अच्छी तरह से जानते हैं कि द्रमुक सरकार के कड़े विरोध के बावजूद 1974, 1976 समझौते के तहत कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया गया था। क्या प्रधानमंत्री इस हद तक नासमझ हैं कि एक राज्य सरकार देश का एक हिस्सा दूसरे देश को दे सकता है।''