Bihar LS polls 2024: महाबली सिंह, विजय कुमार मांझी, सुनील कुमार पिंटू, छेदी पासवान, रमा देवी, अश्विनी कुमार चौबे और अजय निषाद बेटिकट, महागठबंधन से मांग रहे टिकट
By एस पी सिन्हा | Published: March 29, 2024 05:07 PM2024-03-29T17:07:06+5:302024-03-29T17:08:41+5:30
Bihar LS polls 2024: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में भाजपा-जदयू और लोजपा गठबंधन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
Bihar LS polls 2024: एनडीए से टिकट कटने के बाद कई सांसदों के विपक्षी दलों के महागठबंधन के संपर्क में होने की चर्चा है। मौजूदा सांसद जदयू के महाबली सिंह और विजय कुमार मांझी तथा सुनील कुमार पिंटू, भाजपा के छेदी पासवान, रमा देवी, अश्विनी कुमार चौबे और अजय निषाद, लोजपा के चंदन सिंह, रालोजपा अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस सरीखे नेताओं के इस बार चुनाव लड़ने पर संकट दिख रहा है। इनके अलावा कई पूर्व सांसद हैं, जो चुनाव लड़ने को तैयार बैठे हैं पर उन्हें भी इस बार भी किसी दल से अब तक सिंबल नहीं मिल पाया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद और सासाराम से सांसद छेदी पासवान टिकट के लिए महागठबंधन के संपर्क में हैं।
दरअसल महागठबंधन में सीट बंटवारे के तहत सासाराम और मुजफ्फरपुर सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों सांसद अगर भाजपा छोड़ देते हैं तो कांग्रेस उन्हें टिकट दे सकती है। बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू, भाजपा, लोजपा (रा), हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है।
वहीं इस गठबंधन का मुकाबला राजद, कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन से होने वाला है। उधर, महागठबंधन में पूर्व राज्यपाल व कांग्रेस नेता निखिल कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव सहित कई ऐसे नेता हैं, जिन्हें उम्मीद थी कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ने का प्रबंध करेगी। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। यही नही पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार चौधरी, पूर्व सांसद पप्पू यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद अरुण कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि जैसे नेता बेटिकट रह गये हैं।
वहीं, हाल तक केंद्र सरकार में मंत्री रहे पशुपति कुमार पारस की राजनीति भी अधर में है। पारस को 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सुरक्षित सीट से एनडीए उम्मीदवार के तौर पर भारी जीत मिली थी। रामविलास पासवान ने उन्हें अपने होते हुए हाजीपुर से उम्मीदवार बनाया था। पासवान के निधन के बाद लोजपा दो भागों में बंट गई।
एक गुट रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान का बना और दूसरे के स्वयं पारस अध्यक्ष हुए। अब भाजपा ने हाजीपुर की सीट चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को सौंप दिया है। उधर,पारस की जिद हाजीपुर से ही लड़ने की रही है। बता दें कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में भाजपा-जदयू और लोजपा गठबंधन ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
वहीं 2019 में विपक्षी गठबंधन कांग्रेस को सिर्फ एक सीट किशनगंज मिला था। इस बार विपक्षी गठबंधन में शामिल राजद 26, कांग्रेस 9 और वाम दलों को 5 सीटें मिली हैं। दूसरी तरफ भाजपा 17, जदयू 16, चिराग पासवान की लोजपा (रा) पांच, हम एक और राष्ट्रीय लोक मोर्चा एक सीट पर चुनाव लड़ रही है।