'बेटे को सेट करना है...दामाद को भेंट करना है', निशिकांत दुबे का अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सोनिया गांधी पर तंज
By विनीत कुमार | Published: August 8, 2023 01:47 PM2023-08-08T13:47:10+5:302023-08-08T14:06:51+5:30
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा की ओर से पहले वक्ता निशिकांत दुबे रहे। उन्होंने अपने भाषण में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी निशाना साधा।
नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने सोनिया गांधी का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि कांग्रेस की नेता के सामने आज बड़ी चुनौती हैं कि उन्हें बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।
निशिकांत दुबे ने कहा, 'सोनिया गांधी का मैं बहुत सम्मान करता हूं। सोनिया जी..मुझे लगता है कि उनकी पार्टी और उनकी दो मनोस्थिति है। वो एक हिंदू सभ्यता-संस्कृति में विश्वास कर रही है। इसलिए अलौकिका पंडिता की तरह जो किताब में लिखा हुआ है कि क्या-क्या करना चाहिए हिंदू महिला को...बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।'
#WATCH | BJP MP Nishikant Dubey says, "This No Confidence Motion has been brought. Why has this been brought? Sonia ji (Gandhi) is sitting here...I think she has to do two things - Bete ko set karna hai aur Damad ko bhent karna hai...That is the base of this Motion." pic.twitter.com/Gb40E2gfzu
— ANI (@ANI) August 8, 2023
दुबे के इस बयान के बाद कांग्रेस के सांसदों ने ऐतराज भी जताया। वहीं, सोनिया गांधी मुस्कुराती नजर आईं। इस दौरान राहुल गांधी भी लोकसभा में मौजूद थे।
इससे पहले कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और ‘डबल इंजन’ सरकार पर पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ा जा सके।
गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखते हुए यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पद पर क्यों बनाए रखा? उन्होंने दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मौन रहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ अपनी छवि से लगाव है और वह अपनी सरकार की विफलताओं को सामने नहीं आने देना चाहते।
(भाषा इनपुट)