आचार्य लोकेश मुनि जी ने कहा- 'जवाहरलाल दर्डा 'बाबूजी' ने समाज के उत्थान, निर्माण और सृजन के लिए कार्य किया'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 4, 2023 17:18 IST2023-12-04T17:16:33+5:302023-12-04T17:18:10+5:30
आचार्य लोकेश मुनि जी ने कहा कि नक्षत्र अनगिनत होते हैं लेकिन पूजे वही जाते हैं जो किसी कार्य को सिद्धी के द्वार तक पहुंचा दे। जन्म और जीवन लाखों करोड़ों धारण करते हैं लेकिन सार्थक उन्हीं का होता है जो जवाहरलाल दर्डा की तरह निर्भयता का जीवन जी कर के एक संदेश पूरी दुनिया को देकर चले जाएं।

वर्ल्ड पीस सेंटर और अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि जी
Book launch 'Jawahar' based on senior freedom fighter Jawaharlal Darda: लोकमत के संस्थापक, वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं राजनीतिक-सामाजिक नेता श्री जवाहरलाल दर्डा 'बाबूजी' के अद्भुत प्रेरणादायी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पुस्तक ‘जवाहर’ के विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अतिथि गण लोकेश मुनि, गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, मुकुल वासनिक, रामदास आठावले, आलोक मेहता. कांग्रेस नेता जर्नादन द्विवेदी, विनोद तावड़े दिल्ली पहुंचे।
लोकमत समूह के चेयरमैन विजय दर्डा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर वर्ल्ड पीस सेंटर और अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि जी ने श्री जवाहरलाल दर्डा 'बाबूजी' के अद्भुत प्रेरणादायी जीवन को काजल की कोठरी में बेदाग व्यक्तित्व करार दिया। आचार्य लोकेश मुनि जी ने कहा कि 'बाबूजी' के अद्भुत प्रेरणादायी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पुस्तक ‘जवाहर’ के विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेकर उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है।
आचार्य लोकेश मुनि जी ने कहा कि नक्षत्र अनगिनत होते हैं लेकिन पूजे वही जाते हैं जो किसी कार्य को सिद्धी के द्वार तक पहुंचा दे। जन्म और जीवन लाखों करोड़ों धारण करते हैं लेकिन सार्थक उन्हीं का होता है जो जवाहरलाल दर्डा की तरह निर्भयता का जीवन जी कर के एक संदेश पूरी दुनिया को देकर चले जाएं।
आचार्य लोकेश मुनि जी ने कहा कि मैं उनको जीवनकाल में नहीं देख पाया लेकिन उन पर लिखी गई पूरी पुस्तक पढ़ ली। अब मैं कह सकता हूं कि श्री जवाहरलाल दर्डा 'बाबूजी' ने समाज के उत्थान, निर्माण और सृजन के लिए कार्य किया। आचार्य लोकेश मुनि जी ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि जिस तरह से वह विरोधियों का सम्मान करते थे और सबके साथ अच्छा व्यवहार करते थे उससे साबित होता है कि वह शत-प्रतिशत मानव धर्म को जीते थे।
इसी कार्यक्रम में लोकमत के संस्थापक श्री जवाहरलाल दर्डा 'बाबूजी' के अद्भुत जीवन को याद करते हुए विजय दर्डा ने कहा कि वह अद्भुत व्यक्तित्व के मालिक थे। 'बाबूजी' को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह रिश्तों की अहमियत समझते थे और दिन में जिसका विरोध करते थे रात में उनके साथ भोजन भी करते थे। विजय दर्डा ने कहा कि इस किताब ‘जवाहर’ के माध्यम से समाज और आज की पीढ़ी को एक संदेश मिलेगा।
बता दें कि देश की आजादी के लिए संघर्ष से लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री तक की यात्रा के दौरान आए अनेक पड़ावों, संघर्षों और नैतिक मूल्यों से भरी उनकी जीवन यात्रा को पुस्तक में संजोया गया है। श्री जवाहरलाल दर्डा जैसे व्यक्ति का जन्म कई सौ वर्षों में एक बार होता है। उनका सम्पूर्ण जीवन समाज और देश के लिए प्रेरणादायी था। उन्होंने अद्भुत साहस, नेतृत्व, कौशल और नैतिक मूल्यों के साथ भारत को महान बनाने के लिए कठिन प्रयास किया. उनके विचार और कार्य हम सभी को आगे बढ़ने की सदा प्रेरणा देते हैं।