वायरल वीडियो: क्या आपका पालतू कुत्ता आपको चाटता है? कुत्ते की लार में पाए जाते हैं बैक्टीरिया, देखिए
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: December 2, 2023 15:24 IST2023-12-02T15:23:02+5:302023-12-02T15:24:23+5:30
कुत्ते की लार से एलर्जी संभव है। विशिष्ट प्रोटीन प्रोफाइल (आईजीई) कुत्तों के बीच भिन्न-भिन्न होती है। यह कुछ कुत्तों की लार को इस प्रोटीन के प्रति अतिसंवेदनशील व्यक्तियों के लिए अधिक एलर्जेनिक बनाता है।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: कुत्तों को इंसान के सबसे वफादार दोस्त के रूप में जाना जाता है। कुछ लोग तो अपने पालतू कुत्ते से इतना प्यार करते हैं कि उसे अपने साथ खिलाते हैं, सुलाते हैं और कहीं बाहर घूमने जाएं तो भी साथ ले जाते हैं। पालतू कुत्ते भी अपने मालिक और घरवालों से इतना घुल-मिल जाते हैं कि उनके सामने आते ही उन्हें चाटना शुरू कर देते हैं। कुछ लोग तो अपने पालतू कुत्ते से मुंह चटवाने में भी परहेज नहीं करते हैं। लेकिन क्या स्वास्थ्य के नजरिए से पालतू कुत्ते से मुंह चटवाना सुरक्षित है? इसी सवाल का जवाब हम आपको देने जा रहे हैं।
दरअसल ये सारी बहस तब शुरू हुई जब इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में माइक्रोस्कोप के नीचे कुत्ते की लार का नज़दीक से दृश्य दिखाया गया है। फुटेज में एक कुत्ते को कांच की सतह चाटते हुए कैद किया गया है। यह वीडियो स्वच्छता संबंधी चिंताओं को बढ़ाता है। कुत्ते के चाटे हुए कांच की सतह को माइक्रोस्कोप से देखने पर कई तरह के बैक्टीरिया और परजीवियों को देखा जा सकता है।
दरअसल कुत्तों के मुंह और नाक गुहाओं में बैक्टीरिया और परजीवी मौजूद होते हैं। ऐसा माना जाता है कि बैक्टीरिया कैपनोसाइटोफेगा कैनिमोरसस कुत्ते की लार के माध्यम से फैलता है। इस संचरण से उत्पन्न संक्रमण गंभीर सेप्सिस का कारण बन सकता है।
हम आपको कुत्ते की लार के बारे कुछ जानकारियां दे रहे हैं जो आपको काम आ सकती हैं। सबसे पहली बात ये कि कुत्ते की लार से एलर्जी संभव है। विशिष्ट प्रोटीन प्रोफाइल (आईजीई) कुत्तों के बीच भिन्न-भिन्न होती है। यह कुछ कुत्तों की लार को इस प्रोटीन के प्रति अतिसंवेदनशील व्यक्तियों के लिए अधिक एलर्जेनिक बनाता है।
कुत्तों की लार के बारे में एक मिथक है कि इससे घाव भर जाते हैं। हालांकि कुत्ते आमतौर पर अपने घावों को साफ करने के लिए उन्हें चाटते हैं लेकिन कुत्ते की लार में घावों को भरने की संभावना नहीं होती है। यह जीवाणुरोधी होती है इसलिए वह खुद उनकी लार में पाए जाने वाले उपचार गुणों का लाभ उठाते हैं। कुत्ते की लार में मौजूद विशिष्ट प्रोटीन, जिसे हिस्टैटिन के नाम से जाना जाता है, में संक्रमण से लड़ने की क्षमता होती है।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि कुत्ते की लार हुकवर्म और अन्य परजीवियों को संचारित कर सकती है। हालांकि कुत्तों की लार से इंसान को किसी जानलेवा बीमारी होने के आसार तो नहीं हैं लेकिन जितना संभव उनके लार के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए। मुंह और नाक कुत्ते से न चटवाएं तो ही बेहतर है। ऐसा करने से सूक्ष्म बैक्टीरिया और परजीवियों को मुंह और नाक गुहाओं में पहुंचने का मौका मिल सकता है।