CBSE के बाद UP बोर्ड और हरियाणा बोर्ड भी करेगा सिलेबस में कटौती, छात्र जान लें सरकार का क्या है प्लान
By पल्लवी कुमारी | Updated: July 11, 2020 10:09 IST2020-07-11T09:55:09+5:302020-07-11T10:09:48+5:30
कोरोना वायरस महामारी के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपायी के मद्देनजर हरियाणा सरकार (HBSE Haryana Board) और उत्तर प्रदेश (UP Board) की सरकार ने वर्तमान शैक्षिक सत्र में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सिलेबस में कमी करने का फैसला लिया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर (छात्र)
नई दिल्ली: कोरोना काल में लगाये गए लॉकडाउन की वजह से पिछले कई महीनों से स्कूल और कॉलेज बंद हैं। आने वाले कुछ महीनों तक इनके खुलने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों ने सिलेबस में कटौती करनी शुरू कर दी है। ताजा अपडेट है कि उत्तर प्रदेश बोर्ड (UP Board ) और हरियाणा बोर्ड (HBSE Haryana Board) ने भी फैसला किया है कि सिलेबस में कटौती करेंगे। इससे पहले सीबीएसई (CBSE), सीआईएससीई (CISCE) और गुजरात बोर्ड ने अपने सिलेबस में कटौती की।
जानें UP बोर्ड और हरियाणा बोर्ड का सिलेबस को लेकर प्लान
उत्तर प्रदेश बोर्ड और हरियाणा बोर्ड ने फैसला लिया है कि 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के सिलेबस में कटौती की जाएगी। उत्तर प्रदेश बोर्ड अपने सिलेबल में 10 से 30 प्रतिशत की कटौती कर रहा है। हरियाणा बोर्ड भी सिलेबस में 30 प्रतिशत की कटौती करेगा।
उत्तर प्रदेश की योजना की बात करें तो जुलाई के महीने में रेगुलर क्लास नहीं होती है तो सिलेबस में 10 फीसदी की कटौती की जाएगी। वहीं अगस्त में भी रेगुलर क्लास नहीं होती है तो सिलेबस में 20 फीसदी की कटौती की जाएगी। इसके अलावा अगर सितंबर तक क्लास स्थगित रहती है तो 30 फीसदी सिलेबस की कटौती होगी।
हरियाणा सरकार ने वर्तमान शैक्षिक सत्र में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में कमी करने का फैसला किया है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि सरकार ने विद्यालयी शिक्षा बोर्ड को गुरुग्राम के राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के साथ समन्वय स्थापित कर एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया है जो पाठ्यक्रम में कमी को लेकर कार्य करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार मानती है कि कोरोना वायरस हालात के चलते छात्रों को किसी तरह का मानसिक दबाव अथवा बोझ महसूस नहीं होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि निर्णय लेने के दौरान यह एक बड़ा कारक था, जिसे संज्ञान में लिया गया जो बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाया गया पाठ्यक्रम भी इस पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहिए। हरियाणा सरकार ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर देने के लिए हरियाणा बोर्ड छात्रों को टैबलेट देने पर विचार कर रही है।
राजस्थान बोर्ड ने भी लिया सिलेबस कटौती का फैसला
राजस्थान बोर्ड (Rajasthan Board RBSE ) ने भी सिलेबस में कटौती का फैसला लिया है। जिसके बारे में राजस्थान के शिक्षामंत्री गोविंद सिंह दोस्तारा ने ट्वीट करके जानकारी दी थी। गोविंद सिंह दोस्तारा ने कहा, राज्य बोर्ड और राजस्थान स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड टीचिंग (RSCERT) को इस संबंध में अवगत करा दिया गया है।
सिलेबस कम करने को अलग ढंग से व्याख्या की जा रही है, यह कटौती केवल एक साल के लिए है: CBSE
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 8 जुसाई 2020 को दावा किया कि स्कूली सिलेबस को युक्तिसंगत बनाने के कदम की ‘अलग’ ढंग से व्याख्या की जा रही है और यह कदम कोविड-19 संबंधी हालात के मद्देनजर केवल 2020-2021 अकादमिक सत्र के लिए उठाया गया है। बोर्ड ने पाठ्यक्रम से कुछ अध्यायों को हटाए जाने को लेकर विवाद के बीच यह स्पष्टीकरण दिया।
सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, नौवीं से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में कटौती की अलग तरीके से व्याख्या की जा रही है। जो बातें की जा रही हैं, उसके विपरीत यह स्पष्ट किया जाता है कि 2020-21 अकादमिक सत्र के लिए करीब 190 विषयों के पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कटौती केवल एक बार के लिए की गई है।
बोर्ड ने दावा किया कि मौजूदा स्वास्थ्य आपात एवं अध्ययन में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर पाठ्यक्रम में युक्तिसंगत कटौती का उद्देश्य छात्रों के बीच परीक्षा का तनाव कम करना है। उसने कहा कि पाठ्यक्रम से जिन विषयों को हटाया गया है, केवल 2020-21 अकादमिक सत्र में उनसे कोई भी प्रश्न नहीं पूछा जाएगा।