पत्नी ने पति को बताया उन्होंने किया दुष्कर्म, चौंकाते हुए कहा- 'आप मेरी पत्नी नहीं..', अगले दिन पति ने..
By आकाश चौरसिया | Published: April 28, 2024 11:41 AM2024-04-28T11:41:38+5:302024-04-28T12:17:42+5:30
घटना 2 अप्रैल, 2024 को हमले में बच गई पीड़िता ने अपने पति से दावा करते हुए आपबीती बताते हुए कहा कि उसके जीजा (उसके बहनोई) ने उस दिन पहले उसके साथ बलात्कार किया। हालांकि, उन्होंने पति ने चौंकते हुए जवाब दिया, "अब आप मेरी पत्नी नहीं"।
नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र मुजफ्फरनगर से दुख:द घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को इस बात के लिए मौत के घाट उतारने की कोशिश की। क्योंकि उसके सगे रिश्तेदार ने पत्नी का रेप कर संबंध बनाए। इस बात से पति बहुत आहत था और वो इस कारण उसने कहा कि आप मेरी पत्नी नहीं हैं। रेप करने वाले आरोपी ने अपने साले के द्वारा महिला का गले दबाने का वीडियो बना लिया।
घटना 2 अप्रैल, 2024 को हमले में बच गई पीड़िता ने अपने पति से दावा करते हुए आपबीती बताते हुए कहा कि उसके जीजा (उसके बहनोई) ने उस दिन पहले उसके साथ बलात्कार किया। हालांकि, उन्होंने पति ने चौंकते हुए जवाब दिया, "अब आप मेरी पत्नी नहीं, बल्कि मेरी भाभी हैं"। यह खबर एनडीटीवी रिपोर्ट के अनुसार है।
इस बात के गुजरने के दूसरे दिन वे लोग पीड़िता के कमरे में घुसे और पति ने उसके दुपट्टे से गला घोंटने का प्रयास किया, वहीं जीजा (आरोपी) ने इस घटना को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड कर लिया।
पीड़िता के सोशल मीडिया पर वीडियो और लिखित शिकायत साझा करने के बाद मुजफ्फरनगर कोतवाली थाना की पुलिस हरकत में आई। दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार), 307 (हत्या का प्रयास), और 328 (जहर, या किसी बेहोश करने वाली, नशीली या अस्वास्थ्यकर दवा के माध्यम से किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले पर पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण प्रजापति ने कहा, "उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं और जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी"।
अब इस तरह के हो रहे मामलों पर एक बार राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) 2022, डेटा को भी देख लें, जिसमें पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं असुरक्षित हैं। उन्हें खिलाफ हो रहे अपराध में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ये भी बता दें कि देश के इस प्रदेश में सबसे ज्यादा संख्या में लोग निवास करते हैं।
ऐसे मामलों में राज्य की सजा दर राष्ट्रीय औसत 25.3 फीसदी से 180 गुना अधिक था। यहां तक कि 2019, 2020 और 2021 में भी, एनसीआरबी ने यूपी को श्रेणी में शीर्ष पर रखा, "राज्य के तत्कालीन विशेष महानिदेशक (डीजी)-कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार, जो अब पुलिस बल के प्रमुख हैं, ने उस समय इस बात का जिक्र किया था। हालांकि ये भी जान लें कि उत्तर प्रदेश में बच्चों के खिलाफ बने पोक्सो मामलों में के तहत जल्दी सुनवाई होती है।