10 साल की उम्र से पीड़िता हुई रेप का शिकार, बॉम्बे HC ने आरोपी को रिहा करने से किया इनकार

By आकाश चौरसिया | Published: May 2, 2024 12:26 PM2024-05-02T12:26:24+5:302024-05-02T12:41:42+5:30

इस मामले की सुनवाई कर रही बॉम्बे HC की सिंगल बैंच जस्टिस पृथ्वी चौहान ने सोमवार को अपने आदेश में ओरोपी को जेल से बेल देने से मना कर दिया। इसके साथ कहा, यह अपराध न केवल एक विवेकशील व्यक्ति की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है, बल्कि अप्रिय भी है। 

Bombay High Court refused to release the accused victim was raped since age of 10 | 10 साल की उम्र से पीड़िता हुई रेप का शिकार, बॉम्बे HC ने आरोपी को रिहा करने से किया इनकार

फाइल फोटो

Highlightsपरिचित ने पीड़िता से 10 वर्ष की उम्र से करता रहा रेपअब इस दरिंदे को बेल देने से किया इनकार- HCपिता करता रहा दुबई में नौकरी

नई दिल्ली: बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल में एक आदेश देते हुए कहा कि आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है। क्योंकि आरोपी ने लगातार 10 साल की उम्र से बार-बार पीड़िता के साथ रेप किया। इस हैवानियत का शिकार हुई पीड़िता "निम्फोमेनियाक" बन गई है।   

इस मामले की सुनवाई कर रही सिंगल बैंच जस्टिस पृथ्वी चौहान ने सोमवार को अपने आदेश में ओरोपी को जेल से बेल देने से मना कर दिया। इसके साथ कहा, यह अपराध न केवल एक विवेकशील व्यक्ति की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है, बल्कि अप्रिय भी है। 

हाई कोर्ट ने पीड़िता के द्वारा लिखी गए 27 पेज डायरी के पन्नो को पढ़ते हुए बताया कि पीड़िता की मानसिक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्थिति और आरोपी के हाथों उसके साथ हुई दरिंदगी के प्रभाव का वर्णन करने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। 

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा, "आोरपी द्वारा किया गया कथित अपराध न केवल किसी भी विवेकशील व्यक्ति की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है, बल्कि अप्रिय भी है। ऐसे भयानक अपराध के कारण, पीड़िता एक निम्फोमेनियाक बन गई है।" पीड़िता के माता-पिता ने दावा किया कि आरोपी और उसकी पत्नी ने इस बात का फायदा उठाया कि लड़की के पिता दुबई में काम करते थे और इस दौरान उसके साथ ये घटना घटती रही।

माता-पिता ने दावा किया कि उन्हें अपराध के बारे में तभी पता चला, जब उन्हें 2021 में पीड़िता की डायरी उसके कमरे से मिली, और उस दौरान वह 17 साल की थी। लड़की एक लड़के के साथ भाग गई थी, जिसके बाद उसके माता-पिता ने उसके कमरे की तलाशी ली थी। डायरी में, पीड़िता ने दावा किया कि जब वह चौथी कक्षा में थी तब से आरोपी व्यक्ति ने उसके साथ रेप करना शुरू कर दिया था और उसकी पत्नी को इसके बारे में पता था। उसने दावा किया था कि आरोपी उसे एक गोली देता था, जो जाहिर तौर पर उसे यौन उत्तेजित करती थी।

लड़कियों के माता-पिता ने डायरी देखने के बाद 2021 में उस व्यक्ति और पत्नी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पत्नी को विशेष अदालत ने जमानत दे दी थी। लेकिन, उस व्यक्ति की जमानत खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपी की पत्नी ने जानबूझकर गैरकानूनी कृत्यों में सहायता की, उकसाया और वह भी समान रूप से दोषी है।

उच्च न्यायालय की पीठ ने यह भी कहा कि लड़की की डायरी के अनुसार, उसने कथित बलात्कार के बारे में अपनी मां को बहुत पहले ही बता दिया था, लेकिन सामाजिक कलंक के कारण मां ने कोई कदम नहीं उठा सकी। उच्च न्यायालय ने कहा कि ज्यादातर मामलों में, यौन शोषण करने वाले बच्चे के परिचित व्यक्ति होते हैं। 

निम्फोमेनियाक- यदि कोई महिला को निम्फोमेनियाक के रूप में संदर्भित करता है, तो उनका मतलब है कि वह सामान्य या स्वीकार्य से कहीं अधिक बार सेक्स करती है या सेक्स करना चाहती है।

Web Title: Bombay High Court refused to release the accused victim was raped since age of 10

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