Adani Group Stock Market Crash: अडाणी समूह को बड़ा झटका, 1.12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान, सभी दस सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में गिरावट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 13, 2024 06:52 PM2024-03-13T18:52:05+5:302024-03-13T19:20:41+5:30
Adani Group Stock Market Crash: स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को बड़ी गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 900 अंक से अधिक का गोता लगाते हुए 73,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। छोटी एवं मझोली कंपनियों के सूचकांकों में तीव्र गिरावट के बीच चौतरफा लिवाली से बाजार नुकसान में रहा।
Stock Market Crash:शेयर बाजार में कमजोर रुख के बीच अडाणी समूह की सभी दस सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बुधवार को गिरावट आई। इसके साथ 10 कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में संयुक्त रूप से 1.12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीएसई में अडाणी टोटल गैस का शेयर 9.50 प्रतिशत गिर गया, अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 9.07 प्रतिशत नीचे आया, अडाणी एनर्जी सॉल्युशंस का शेयर 8.54 प्रतिशत, एनडीटीवी का शेयर 7.92 प्रतिशत और अडाणी पोर्ट्स का शेयर 6.97 फीसदी नुकसान में रहा। अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 6.91 प्रतिशत की गिरावट आई।
एसीसी के शेयर में 6.87 प्रतिशत, अडाणी पावर के शेयर में 4.99 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स में 4.58 प्रतिशत और अडाणी विल्मर में 4.25 प्रतिशत की गिरावट आई। अडाणी एंटरप्राइजेज में पिछले सात कारोबारी दिनों से गिरावट जारी है। अडाणी पावर ने कारोबार के दौरान अपनी निचली सर्किट सीमा को पार कर लिया।
समूह की सभी 10 कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 1,12,780.96 करोड़ रुपये घट गया। अदाणी समूह की कंपनियों में गिरावट शेयर बाजार में नरमी के बीच आई। बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स 906.07 अंक यानी 1.23 प्रतिशत टूटकर 72,761.89 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में भारी बिकवाली के बीच बुधवार को निवेशकों के 13.47 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 900 अंक से अधिक टूट गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 906.07 अंक यानी 1.23 प्रतिशत गिरकर 72,761.89 पर बंद हुआ। कारोबार दौरान यह 1,152.25 अंक तक टूट गया था। इसके साथ बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 13,47,822.84 करोड़ रुपये घटकर 3,72,16,602.67 करोड़ रुपये रह गया।
विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा बिजली, ऊर्जा तथा धातु शेयरों में नुकसान तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की हाल की बिकवाली से बाजार नीचे आया। बाजार में प्रमुख सूचकांकों...सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी...की शुरुआत बढ़त के साथ हुई। लेकिन दोपहर के कारोबार में बिकवाली दबाव से सभी खंडवार सूचकांक नुकसान में रहे।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 906.07 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72,761.89 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,152.25 अंक तक लुढ़क गया था। पचास शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 338 अंक यानी 1.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 21,997.70 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में पावर ग्रिड में सर्वाधिक सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। इसके अलावा एनटीपीसी, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारती एयरटेल, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और हिंदुस्तान यूनिलीवर भी नुकसान में रहे। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, नेस्ले, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में तेजी के रुख के उलट मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों को लेकर जोखिम-लाभ के स्तर पर प्रतिकूल स्थिति के साथ उच्च मूल्यांकन से बाजार में गिरावट आई। दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियां और सोना जरूर कुछ राहत दे रहे हैं।
ऊंचे मूल्यांकन के अलावा घरेलू मझोली कंपनियों के दीर्घकालीन विकास को लेकर कोई बुनियादी मुद्दा नहीं है।’’ बीएसई ‘स्मॉलकैप’ सूचकांक 5.11 प्रतिशत जबकि ‘मिडकैप’ सूचकांक 4.20 प्रतिशत नीचे आया। इस बीच, जाने-माने उद्योगपति उदय कोटक ने बुधवार को कहा कि बाजार में ‘थोड़ा बुलबुला’ हो सकता है, लेकिन बाजार नियंत्रण से बाहर नहीं हैं।
कोटक का यह बयान सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच बयान के दो दिन बाद आया है। उन्होंने कहा था कि छोटे और मझोली कंपनियों के शेयरों में तेजी को लेकर कुछ ‘बुलबुले’ की गुंजाइश है और नियामक इसपर एक संभावित परामर्श पत्र लाने के लिए विचार कर रहा है। बुच ने कहा था, ‘‘बुलबुले को बनते रहने देना उचित नहीं होगा, क्योंकि जब यह फूटता है तो निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
ये अच्छी बात नहीं है।’’ एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में जबकि जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार में मंगलवार को तेजी थी। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 73.12 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.09 प्रतिशत चढ़कर 82.81 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि इस साल जनवरी में धीमी पड़कर 3.8 प्रतिशत रही, वहीं खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में मामूली घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.09 प्रतिशत पर आ गई। बीएसई सेंसेक्स में मंगलवार को 165.32 और निफ्टी में 3.05 अंक की मामूली तेजी रही थी।