PM Narendra Modi Interview: सहकारिता क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय की जरूरत क्याें पड़ी?, जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 12, 2024 06:53 PM2024-05-12T18:53:03+5:302024-05-12T19:02:59+5:30

PM Narendra Modi Interview: दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. पिछले 10 वर्षों में हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है.

PM Narendra Modi Interview Why need separate ministry cooperative sector Know what PM Modi narendra said | PM Narendra Modi Interview: सहकारिता क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय की जरूरत क्याें पड़ी?, जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा...

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Highlights‘सहकारिता से समृद्धि’ विचार में मेरी गहन आस्था है. सर्वसमावेशक राष्ट्रीय सहकारिता डाटाबेस तैयार किया है.महाराष्ट्र के किसानाें के कल्याण के लिए भविष्य में हम ज्यादा से ज्यादा कल्याणकारी योजनाएं लाएंगे.

PM Narendra Modi Interview: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश में जोश हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 साल के लगातार दो कार्यकाल को पूरा करने बाद तीसरे कार्यकाल के लिए जनादेश मांग रहे हैं।  लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने लोकमत ग्रुप को खास इंटरव्यू दिया। लोकमत समूह के सह-प्रबंध निदेशक और संपादकीय निदेशक ऋषि दर्डा, समूह संपादक विजय बाविस्कर, मुंबई संस्करण के संपादक अतुल कुलकर्णी और लोकमत के वीडियो संपादक आशीष जाधव ने प्रधानमंत्री से कई मुद्दों पर बात की। साक्षात्कार पीएम आवास पर आयोजित किया गया...

सहकारिता क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय की जरूरत क्याें पड़ी?

गुजरात के मुख्यमंत्री रहते सहकारिता क्षेत्र के काम काे पास से देखने का माैका मिला. इसलिए जब दूसरी बार प्रधानमंत्री बना तब सहकारिता क्षेत्र की ताकत देशहित के लिए इस्तेमाल की जाए, इसलिए हमने अलग मंत्रालय की स्थापना की. ‘सहकारिता से समृद्धि’ विचार में मेरी गहन आस्था है. हमने सर्वसमावेशक राष्ट्रीय सहकारिता डाटाबेस तैयार किया है. इसके साथ ही हमपे हजारों प्राथमिक सहकारी संस्था, जिला सहकारी बैंकाें और राज्य सहकारी बैंकाें का डिजिटाइजेशन किया. पारदर्शकता और उत्तरदायित्व पर अधिक जाेर दिया. हमने दस हजार गावाें में बहुउद्देशीय सहकारी संस्थाओं की स्थापना की है. इसके माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था काे प्रोत्साहन दिया जा रहा है. चीनी सहकारी संस्थाओं के वषाें से लंबित प्राप्तिकर से जुड़े मामलाें का निपटारा किया. इससे उन्हें 46 हजार कराेड़ रुपए का फायदा हुआ. सहकारिता क्षेत्र से मुझे निजी ताैर पर बहुत स्नेह है. महाराष्ट्र के किसानाें के कल्याण के लिए भविष्य में हम ज्यादा से ज्यादा कल्याणकारी योजनाएं लाएंगे.

एक ओर भारत विश्व के तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने काे अग्रसर है. इसी दाैरान देश में अब भी 80 कराेड़ जनता काे मुफ्त में अनाज आपूर्ति की जा रही है. इस अंतर काे कम करने के लिए आपके पास काैन सी याेजना है?

मैंने इस पर संसद में विस्तार से बात की है. लेकिन, हमारे पाठकों के लिए मैं इसे एक बार फिर से बताता हूं. हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. पिछले 10 वर्षों में हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है. गरीबी क्या है, मैंने पास से महसूस की है. आप गरीबी से बाहर आ गए, लेकिन अगर आपके पास कोई सुरक्षा नहीं है, तो भाग्य का एक मोड़ आपको वापस गरीबी में धकेल सकता है. यदि आप हमारी कल्याणकारी योजनाओं को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि वे इस तरह से बनाई गई हैं कि कोई भी दोबारा गरीबी के गर्त में न गिरे. आयुष्मान भारत योजना का ही उदाहरण लीजिए. यह योजना गारंटी देती है कि गरीबी से ऊपर आए परिवार को कोई तत्काल चिकित्सा आवश्यकता होने पर सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार निःशुल्क मिलेगा. यह योजना न केवल जीवन बचाती है, बल्कि परिवार का आर्थिक बोझ भी कम करती है. अब ताे यह योजना 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए भी लागू की गई है. इसलिए भविष्य में इस योजना से मध्यम वर्गीय परिवारों को भी लाभ होगा.

कृषि और सहकारिता महाराष्ट्र की दो प्रमुख पहचान हैं. लेकिन, ये दोनों क्षेत्र फिलहाल संकट में हैं. उसके लिए आपके पास क्या योजना है?

महाराष्ट्र के किसान मेहनती और व्यवसायी हैं. लेकिन, दुर्भाग्य से 2014 से पहले की सभी सरकारों ने राज्य के किसानों की लगातार अनदेखी की. खास ताैर पर महाराष्ट्र के एक नेता के पास लंबे समय तक केंद्र का कृषि और संबंधित महत्वपूर्ण विभाग था, फिर भी किसानों की दुरावस्था हुई. जब हम 2014 में केंद्र में सत्ता में आए तो मैंने देशभर में रुकी हुई सिंचाई परियोजनाओं की सूची मांगी. ताकि उन्हें जल्दी आगे बढ़ाया जा सके. आपको आश्चर्य होगा, सूची में शामिल 99 परियोजनाओं में से अधिकांश महाराष्ट्र से थीं. उनमें से कुछ तो 1970 से ही रुके हुए थे. दशकों से रुकी परियाेजनाओं को फिर से शुरू किया, पूरे किया, कुछ नए शुरू किए और उन्हें भी पूरा किया. जब मैं महाराष्ट्र में किसानों से मिलता हूं, तो वे मुझे पीएम-किसान प्रत्यक्ष आय गारंटी और कृषि बीमा योजना के बारे में बहुत कुछ बताते हैं. ये दोनों योजनाएं उनके लिए बेहद मददगार साबित हुई हैं. हमने गन्ने की खेती में भी अनेक सुधार उपाय किए हैं. महाराष्ट्र के लिए यह महत्वपूर्ण क्षेत्र है. हमने कई लोगों का बकाया तुरंत चुका दिया. कई बकाया हमने बहुत जल्द चुकता किए हैं. किसानाें के हित के लिए हम एक नई कृषि परिसंस्था बना रहे हैं. इसके मूल उद्देश्य में सिंचाई, बीमा, निर्यात माध्यम से विदेशी बाजार में प्रवेश, इथेनाॅल जैसे हरित उपक्रम आदि शामिल हैं.

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