गौतम अडानी: कभी डकैतों ने किया था अगवा, फिर 26/11 हमले में बचे...और अब एक रिपोर्ट ने लगा दी 20 अरब डॉलर की चपत

By भाषा | Published: January 29, 2023 03:05 PM2023-01-29T15:05:29+5:302023-01-29T15:05:29+5:30

गौतम अडानी मौजूदा समय में कारोबारी जीवन की बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं। हालांकि, उनके जीवन में मुश्किलों का आना कोई नई बात नहीं है। साल 1998 में तो डकैतों ने उन्हें फिरौती के लिए अगवा कर लिया था।

Gautam Adani: Once kidnapped by dacoits, then survived in 26/11 attack, know about his life | गौतम अडानी: कभी डकैतों ने किया था अगवा, फिर 26/11 हमले में बचे...और अब एक रिपोर्ट ने लगा दी 20 अरब डॉलर की चपत

गौतम अडानी के सामने कारोबारी जीवन की सबसे बड़ी चुनौती! (फाइल फोटो)

Highlightsहिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के सामने बड़ी चुनौतियां।फर्म की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह का बाजार मूल्यांकन केवल दो कारोबारी सत्रों में 50 अरब डॉलर से अधिक घट गया है।अडानी को 20 अरब डॉलर का नुकसान हुआ जो उनकी कुल दौलत का पांचवां हिस्सा है।

नयी दिल्ली: अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी को डकैतों ने 1998 में फिरौती के लिए अगवा कर लिया था और इसके करीब 11 साल बाद जब आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया तो वह ताज होटल में बंधक बनाए गए लोगों में शामिल थे।

कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले गौतम अडानी को संकटों से बचे रहने की आदत और व्यापार कौशल ने भारत के सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में ला दिया, लेकिन अब उनके सामने शायद कारोबारी जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है।

अडानी एक रिपोर्ट और लग गई 20 अरब डॉलर की चपत

न्यूयॉर्क की एक छोटी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च, जो शॉर्ट सेलिंग में माहिर है, की एक रिपोर्ट के कारण अडानी समूह का बाजार मूल्यांकन केवल दो कारोबारी सत्रों में 50 अरब डॉलर से अधिक घट गया। इसके साथ ही अडानी को 20 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। ये उनकी कुल दौलत का पांचवां हिस्सा है।

इसके साथ ही गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति से सातवें स्थान पर आ गए हैं। अडानी समूह इस समय 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) भी लाया है। अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के लिए आए इस एफपीओ को पहले दिन सिर्फ एक प्रतिशत अभिदान मिला।

गौतम अडानी का सफर

गुजरात के अहमदाबाद में एक जैन परिवार में जन्मे अडानी कॉलेज की पढ़ाई बीच में छोड़कर मुंबई चले गए और कुछ समय के लिए हीरा कारोबार क्षेत्र में काम किया। वह 1981 में अपने बड़े भाई महासुखभाई की एक छोटे स्तर की पीवीसी फिल्म फैक्टरी चलाने में मदद करने के लिए गुजरात लौट आए। उन्होंने 1988 में अडानी एक्सपोर्ट्स के तहत एक जिंस व्यापार उद्यम स्थापित किया और इसे 1994 में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया।

इस फर्म को अब अडानी एंटरप्राइजेज कहा जाता है। जिंस कारोबार शुरू करने के करीब एक दशक बाद उन्होंने गुजरात तट पर मुंद्रा में एक बंदरगाह का संचालन शुरू किया। उन्होंने भारत के सबसे बड़े निजी बंदरगाह परिचालक के रूप में जगह बनाई।

इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बिजली उत्पादन, खनन, खाद्य तेल, गैस वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा में अपने व्यापारिक साम्राज्य का विस्तार किया। अडानी के व्यापारिक हितों का विस्तार हवाई अड्डों, सीमेंट और हाल ही में मीडिया में हुआ।

Web Title: Gautam Adani: Once kidnapped by dacoits, then survived in 26/11 attack, know about his life

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे