Byju's crisis: बायजू में संकट ही संकट!, कभी सैलरी का रोना तो कभी इस्तीफे और कर्मचारियों की छंटनी का दौर, आखिर संस्थापक बायजू रवींद्रन की कंपनी को क्या हो गया...

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 15, 2024 07:22 PM2024-04-15T19:22:56+5:302024-04-15T19:26:59+5:30

Byju's crisis: कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि मोहन के इस्तीफे के बाद बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन अब कंपनी के रोजमर्रा का कामकाज देखेंगे।

Byju's crisis crying salary resignation layoff of employees what happened to founder Byju Raveendran's company | Byju's crisis: बायजू में संकट ही संकट!, कभी सैलरी का रोना तो कभी इस्तीफे और कर्मचारियों की छंटनी का दौर, आखिर संस्थापक बायजू रवींद्रन की कंपनी को क्या हो गया...

file photo

Highlightsमोहन पिछले साल जुलाई में अंतरराष्ट्रीय कारोबार के सीईओ के रूप में कंपनी से जुड़े थे।सीईओ मृणाल मोहित के इस्तीफा देने के बाद सितंबर में उन्हें भारतीय परिचालन का प्रभार सौंपा गया था। संगठन का पुनर्गठन किया जिसके चलते बायजू में लगभग 4,000 कर्मचारियों की छंटनी हुई।

Byju's crisis: बायजू कंपनी संकट से गुजर रहा है। कई साल से आफत देखने को मिल रहा है। कभी टॉप लेबल के अधिकारी इस्तीफा देते हैं तो कभी कर्मचारी की छंटनी और वेतन रोक दिया जाता है। बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन की कंपनी को क्या हो गया है। एड-टेक कंपनी बायजू वित्तीय संकट से जूझ रही है। निवेशकों और सीईओ के बीच गतिरोध जारी है। बायजू कंपनी वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में ऋण की शर्तों और भुगतान को लेकर मुकदमे का सामना कर रही है। कंपनी के मूल्यांकन को बड़ा झटका लगा है और यह अब तक के उच्चतम स्तर से लगभग 10 प्रतिशत कम हो गया है।

बायजू ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ के भारतीय परिचालन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अर्जुन मोहन ने इस्तीफा दे दिया है। संकटग्रस्त कंपनी ने सोमवार को ही अपने परिचालन को तीन क्षेत्रों में समेकित करने की घोषणा की थी। कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि मोहन के इस्तीफे के बाद बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन अब कंपनी के रोजमर्रा का कामकाज देखेंगे। मोहन पिछले साल जुलाई में अंतरराष्ट्रीय कारोबार के सीईओ के रूप में कंपनी से जुड़े थे।

बाद में बायजू के तत्कालीन सीईओ मृणाल मोहित के इस्तीफा देने के बाद सितंबर में उन्हें भारतीय परिचालन का प्रभार सौंपा गया था। कार्यभार संभालने के बाद, मोहन ने संगठन का पुनर्गठन किया जिसके चलते बायजू में लगभग 4,000 कर्मचारियों की छंटनी हुई। कंपनी ने अपने कारोबार में एक बड़े बदलाव की घोषणा भी की।

इसके तहत व्यवसाय को तीन प्रभाग- शिक्षा ऐप, ऑनलाइन कक्षाएं एवं ट्यूशन सेंटर और परीक्षा अभ्यास में बांटा गया है। बयान में कहा गया कि मोहन अब एक बाहरी सलाहकार की भूमिका निभाएंगे। बायजू ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ के बहुलांश शेयरधारकों ने अधिकृत शेयर पूंजी को बढ़ाने के कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

बायजू ने सोमवार को बयान में यह जानकारी दी। कंपनी ने राइट इश्यू के जरिये 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाए थे। इससे पहले 29 मार्च को हुई ईजीएम का कंपनी के निवेशकों के एक समूह ने विरोध किया था। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘29 मार्च, 2024 को आयोजित असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में प्रस्ताव को कुल पड़े वोटों के 55 प्रतिशत के बहुमत से मंजूरी दी गई।

मतदान प्रक्रिया छह अप्रैल 2024 को संपन्न हुई, जिसमें ईजीएम और डाक मतपत्र दोनों शामिल थे। इन मतपत्रों की एक स्वतंत्र तीसरे पक्ष ने विधिवत जांच की है।'' बयान में कहा गया कि ईजीएम प्रस्तावों की मंजूरी से बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को नए शेयर जारी करने और नकदी की कमी से निपटने में मदद मिलेगी।

बायजू ब्रांड की मालिक शिक्षा प्रौद्योगिकी फर्म थिंक एंड लर्न ने नौ दिन की देरी के बाद अपने कर्मचारियों को मार्च का वेतन देना शुरू कर दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि भुगतान प्रक्रिया अगले 10 दिन में पूरी होने की उम्मीद है। कंपनी ने कर्मचारियों को भेजे पत्र में इस देरी के लिए चार निवेशकों के समूह को जिम्मेदार ठहराया है।

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