योगेश कुमार गोयल का ब्लॉग: मानवता की सेवा का दूसरा नाम बन चुका है रेडक्रॉस
By योगेश कुमार गोयल | Published: May 8, 2024 10:33 AM2024-05-08T10:33:09+5:302024-05-08T10:35:01+5:30
8 अगस्त 1864 को हुए जेनेवा अधिवेशन में सुरक्षा के प्रतीक रेडक्रॉस वाले सफेद झंडे पर स्वीकृति की मुहर लगाई गई, जो आज समस्त विश्व में रेडक्रॉस का प्रतीक चिन्ह है.
जीन हेनरी ड्यूनेंट के सतत प्रयासों के चलते जेनेवा समझौते के तहत ‘अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस मूवमेंट’ की स्थापना हुई थी. मानव सेवा के लिए हेनरी ड्यूनेंट को वर्ष 1901 में पहला नोबल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था.
8 मई 1828 को जेनेवा में जन्मे ड्यूनेंट एक स्विस व्यापारी तथा समाजसेवक थे, जो 1859 में हुई सालफेरिनो (इटली) की लड़ाई में घायल सैनिकों की दुर्दशा और रक्तपात का भयानक मंजर देखकर बहुत आहत हुए थे क्योंकि युद्धभूमि में पड़े इन घायल सैनिकों के उपचार के लिए कोई चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी.
अपने इन्हीं कड़वे अनुभवों के आधार पर उन्होंने ‘मेमोरी ऑफ सालफेरिनो’ पुस्तक भी लिखी और 1863 में रेडक्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति ‘आईसीआरआई’ का गठन किया.
जेनेवा में 26 से 29 अक्तूबर 1863 तक एक अंतरराष्ट्रीय बैठक हुई, जिसमें रेडक्रॉस के आधारभूत सिद्धांत निर्धारित किए गए तथा रेडक्रॉस आंदोलन का विकास करते हुए आहत सैनिकों और युद्ध पीड़ितों की सहायता संगठित करने हेतु दुनियाभर के सभी देशों में राष्ट्रीय समितियां बनाने पर जोर दिया गया.
8 अगस्त 1864 को हुए जेनेवा अधिवेशन में सुरक्षा के प्रतीक रेडक्रॉस वाले सफेद झंडे पर स्वीकृति की मुहर लगाई गई, जो आज समस्त विश्व में रेडक्रॉस का प्रतीक चिन्ह है.
1863 में हुई रेडक्रॉस की स्थापना में चूंकि महान् मानवता प्रेमी हेनरी ड्यूनेंट का सबसे बड़ा योगदान था, इसीलिए उनके जन्मदिन के अवसर पर ही प्रतिवर्ष विश्वभर में 8 मई का दिन ‘अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. ‘रेडक्रॉस’ एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के अलावा आकस्मिक दुर्घटनाओं में घायलों, रोगियों, आपातकाल तथा युद्धकालीन बंदियों की देखरेख करती है.
मानव सेवा को समर्पित रेडक्रॉस के उल्लेखनीय कार्यों की बदौलत इस संस्था को वर्ष 1917 में पहला नोबल शांति पुरस्कार दिया गया. रेडक्रॉस को अब तक कुल तीन बार 1917, 1944 तथा 1963 में शांति के नोबल पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.
भारत में ‘भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी अधिनियम’ के तहत वर्ष 1920 में रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ था और स्थापना के 9 वर्ष बाद इसकी सराहनीय गतिविधियों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी ने ‘भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी’ को मान्यता प्रदान की थी. वर्तमान समय में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की देशभर में 750 से अधिक शाखाएं मानवता की सेवा में जुटी हैं.
रेडक्रॉस का मुख्य उद्देश्य जीवन तथा स्वास्थ्य की सुरक्षा करना एवं मानव मात्र का सम्मान सुनिश्चित करना है. यह राष्ट्रीयता, नस्ल, धार्मिक श्रद्धा, श्रेणी तथा राजनैतिक विचारधारा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करती.