ब्लॉग: भाजपा के सामने दक्षिण भारत की चुनौती

By विवेक शुक्ला | Published: April 22, 2024 11:48 AM2024-04-22T11:48:35+5:302024-04-22T11:51:53+5:30

तमिलनाडु में भाजपा मजबूत नहीं हुई इसका सबसे बड़ा कारण राज्य में नेतृत्व का अभाव रहा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस धारणा को बदल दिया है।

South India challenge before BJP | ब्लॉग: भाजपा के सामने दक्षिण भारत की चुनौती

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlights19 अप्रैल को तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो गयातमिलनाडु में हिंदू आबादी 87 फीसदी से अधिक हैभाजपा को इस बार बेहतर परफॉर्मेंस करने का है भरोसा

पिछली 19 अप्रैल को तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो गया। तमिलनाडु में हिंदू आबादी 87 फीसदी से अधिक है। इधर भाजपा को इस बार बेहतर प्रदर्शन करने का भरोसा है। भाजपा कोयंबटूर और कन्याकुमारी को छोड़कर राज्य में कहीं कोई बड़ी पकड़ नहीं बना सकी है। 

जानने वाले जानते हैं कि तमिलनाडु में भाजपा मजबूत नहीं हुई इसका सबसे बड़ा कारण राज्य में नेतृत्व का अभाव रहा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस धारणा को बदल दिया है। और फिर पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई को तमिलनाडु का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद द्रविड़ पार्टी के प्रभुत्व वाले दक्षिणी राज्य में भाजपा की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं। 

अन्नामलाई राज्य में पार्टी के लिए जमीन तैयार करने में काफी हद तक सफल भी हुए हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह लगातार अन्नामलाई के नेतृत्व को अपना समर्थन देते रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के सघन दौरे किए। उनकी सभाओं में भारी जनसमूह उमड़ा। उन्हें सुना गया। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी जनता को विस्तार से दी। भाजपा मतदाताओं के सामने भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति के मुद्दों को लेकर गई। 

अन्नामलाई ने पूरे राज्य की पदयात्रा करके भाजपा के लिए माहौल बनाया। सात महीने की लंबी यात्रा का समापन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। कोयंबटूर से खुद अन्नामलाई चुनावी मैदान में थे। अमित शाह का दावा है कि 4 जून को देश तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में भी चौंकाने वाले नतीजे देगा। दक्षिण भारत में लोकसभा की कुल मिलाकर 130 सीटें हैं। इसमें तमिलनाडु (39), कर्नाटक (28), आंध्रप्रदेश (25), तेलंगाना (17), केरल(20) और पुदुचेरी (1) शामिल हैं।

भाजपा ने दक्षिण का किला फतह करने के लिए इस बार अपने दो बेहद तेजतर्रार मुख्यमंत्रियों क्रमश: योगी आदित्यनाथ और प्रमोद सावंत को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है। यह दोनों ही अपने कुशल नेतृत्व के चलते उत्तर प्रदेश और गोवा को विकास की बुलंदियों पर लेकर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ यह दोनों भी दक्षिण भारत में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में अहम रोल निभाने जा रहे हैं।

Web Title: South India challenge before BJP

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