ब्लॉग: भारत अनेकता में एकता की समृद्ध विरासत का वाहक है

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 10, 2024 12:58 PM2024-05-10T12:58:43+5:302024-05-10T12:58:51+5:30

भारत की बहुलता को चमड़ी के रंग और नस्ल का उदाहरण देकर दर्शाना निंदनीय है। कोई भी उसका समर्थन नहीं करेगा। इसीलिए कांग्रेस ने पित्रोदा की टिप्पणी से असहमति जताई।

Sam Pitroda statement controversy India carries a rich heritage of unity in diversity | ब्लॉग: भारत अनेकता में एकता की समृद्ध विरासत का वाहक है

ब्लॉग: भारत अनेकता में एकता की समृद्ध विरासत का वाहक है

संवेदनशील मामलों पर बहुत सोच समझकर बोलना चाहिए क्योंकि उन पर विवाद तो होता ही है, समाज पर उसके खतरनाक परिणाम भी हो सकते हैं। राजनेताओं की कथित रूप से जुबान फिसलना आम बात है। उनकी टिप्पणियां लक्षित होती हैं। विवाद नहीं छिड़ा तो ठीक, छिड़ गया तो जुबान फिसल जाने का तर्क उनके पास रहता है। लेकिन सैम पित्रोदा जैसे बद्धिजीवी से विवादग्रस्त टिप्पणियों की अपेक्षा आम तौर पर नहीं की जाती। सत्यनारायण उर्फ सैम पित्रोदा उन लोगों में से हैं जिन्हें भारत में दूरसंचार क्रांति का अग्रदूत माना जाता है।

राजीव गांधी तथा डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में वह उनकी सरकारों के सबसे महत्वपूर्ण सलाहकारों में से एक थे। राजीव तथा मनमोहन सरकार की टेक्नोलॉजी तथा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कई योजनाओं के पीछे उन्हीं का दिमाग बताया जाता है। सैम की कांग्रेस से निष्ठा जगजाहिर है। वह भारत में अनेकता में एकता का उदाहरण देते हुए बुधवार को कथित तौर पर नस्लभेदी टिप्पणी कर गए।

इस पर जमकर विवाद हो रहा है और लोकसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस पर प्रहार करने का एक और हथियार मिल गया है। विवाद ने इतना तूल पकड़ लिया कि बुधवार को ही पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। कुछ दिन पहले ही उन्होंने अमेरिका जैसे देशों में विरासत कर का उदाहरण देते हुए भारतीय संदर्भ में टिप्पणी कर दी थी।

उस पर भी बवाल मचा था और पित्रोदा को सफाई देनी पड़ी थी. पित्रोदा ने पॉडकास्ट में कहा था कि हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं। जहां पूर्वी भारत के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखाई देते हैं, उत्तर भारत के लोग गोरों तथा दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकी जैसे लगते हैं। भारत की बहुलता में एकता का आदर्श पूरे विश्व में अनुकरणीय समझा जाता है। उसे दर्शाने के लिए पित्रोदा बेहतर शब्दों का उपयोग कर सकते थे।

भारत की बहुलता को चमड़ी के रंग और नस्ल का उदाहरण देकर दर्शाना निंदनीय है। कोई भी उसका समर्थन नहीं करेगा। इसीलिए कांग्रेस ने पित्रोदा की टिप्पणी से असहमति जताई। इस वक्त देश में लोकसभा चुनाव की गर्मी चरम पर है। पित्रोदा के बयान से जहां कांग्रेस तथा उसके मित्र दल बचाव की मुद्रा में आ गए, वहीं भाजपा को हमला करने का एक और मौका मिल गया।

खैर, राजनीति अपनी जगह है, मगर इस सच्चाई से कोई इंकार नहीं कर सकता कि भारत में जितने धर्म, भाषाएं, जातियां, संप्रदाय, पंथ, समुदाय हैं, दुनिया के अन्य किसी भी देश में नहीं हैं। जितने धर्म, जितनी जातियां, जितने संप्रदाय, उतनी ही धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक परंपराएं. ये सब परंपराएं एक-दूसरे से काफी अलग हैं। रहन-सहन के तौर-तरीके अलग हैं।

एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने पर खानपान के भी नए तरीके देखने को मिलते हैं। इतनी विविधता के बावजूद भारत हजारों वर्षों से एकजुट रहा। भारत पर विदेशी हमले भी होते रहे। हूण, मंगोल, मुगल, अफगानों ने भारत पर हमले किए। बाद में वे भारतीय समाज और संस्कृति का हिस्सा बन गए। भारतीय समाज इतना सहिष्णु और उदार है कि वह हर किसी का स्वागत करता है, उसे अपनाता है और उसे अपने रंग में रंग देता है।

अमेरिका जैसे विकसित देश में रंग और नस्ल के आधार पर आज भी भेदभाव किया जाता है। अंग्रेजी हुकूमत ने भी भारतीयों के साथ नस्ल के आधार पर भेदभाव ही नहीं घोर अत्याचार भी किया लेकिन भारतीय समाज को वे चमड़ी के रंग, जाति या धर्म के आधार पर बांट नहीं सके। भारत के किसी भी कोने में चले जाइए, आपको हर तरह की विविधता दिखेगी। गुजराती और बिहारी या राजस्थानी आपको उत्तर पूर्व में दिखेंगे तो उत्तर-पूर्व के लोग भी देश के हर कोने में बसे हुए मिल जाएंगे।

दक्षिण भारतीयों ने उत्तर भारत को अपनाया तो हिंदी पट्टे के लोगों ने भी दक्षिण भारत में बसकर अपनी छाप छोड़ी। हमारे देश की सबसे बड़ी खासियत ही यह है कि धर्म, जाति, संप्रदाय या भाषा अथवा रंग कोई भी हो, हर व्यक्ति सबसे पहले खुद को भारतीय मानता है। सैम पित्रोदा के कहने का आशय नेक हो सकता है, लेकिन बयां करने का अंदाज निश्चित रूप से दिल को ठेस पहुंचा गया।

Web Title: Sam Pitroda statement controversy India carries a rich heritage of unity in diversity

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे