ब्लॉग: दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में शामिल है भारतीय नौसेना
By योगेश कुमार गोयल | Updated: December 4, 2023 11:30 IST2023-12-04T11:29:13+5:302023-12-04T11:30:47+5:30
नौसेना के जांबाजों को याद करते हुए प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को ‘भारतीय नौसेना दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की शानदार जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है।

फोटो क्रेडिट- भारतीय नौसेना का एक्स अकाउंट
नई दिल्ली : भारतीय सशस्त्र बलों की समुद्री शाखा भारतीय नौसेना देश की सैन्य ताकत का बहुत अहम हिस्सा है, जो देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नौसेना के जांबाजों को याद करते हुए प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को ‘भारतीय नौसेना दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की शानदार जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है।
दरअसल 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने हमारे हवाई और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला कर दिया था। पाकिस्तान को उस हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाने पर लेकर ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया। भारतीय नौसेना का हमला इतना आक्रामक था कि कराची बंदरगाह पूरी तरह बर्बाद हो गया था और कराची तेल डिपो पूरे सात दिनों तक धू-धूकर जलता रहा था। उस हमले में कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज तबाह होने के कारण पाकिस्तानी नौसेना की कमर टूट गई थी। ऑपरेशन ट्राइडेंट की सफलता के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की बहादुरी को सलाम करने के लिए 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
नौसेना दिवस हर साल एक खास थीम के साथ मनाया जाता है और 2023 के नौसेना दिवस का विषय है ‘समुद्री क्षेत्र में परिचालन दक्षता, तत्परता और मिशन उपलब्धि’, जो समुद्री क्षेत्र में परिचालन दक्षता, तैयारियों और मिशन की उपलब्धि को बनाए रखने, देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुद्री खतरों के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय नौसेना के समर्पण पर प्रकाश डालता है।
चूंकि अरब सागर और हिंद महासागर में चीन लगातार अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तो चीन से मिलने वाली चुनौतियां निरंतर बढ़ रही हैं, इसीलिए सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में और अधिक स्थायी उपस्थिति दर्ज कराने पर जोर दे सकती है, जिसे लंबे समय से भारत का समुद्री इलाका कहा जाता रहा है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य शक्ति का मुकाबला करने की चीन की तैयारियों का भारत पर मिश्रित प्रभाव पड़ा है। हालांकि अपने आसपास के हिंद महासागर क्षेत्र के अधिकांश इलाके में भारत का नियंत्रण है लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि नौसेना के पास अभी हेलिकॉप्टरों तथा पनडुब्बियों की कमी है, जिसे दूर करने के लिए गंभीर प्रयास की जरूरत है. वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर बैलेंस ऑफ पावर में जिस तेजी से बदलाव आ रहे हैं और हिंद महासागर क्षेत्र में तो ये और तेजी से हो रहे हैं, उसे देखते हुए बेहद जरूरी है कि भारत भी अपनी समुद्री ताकत तेजी से बढ़ाए ताकि किसी भी चुनौती का सामना किया जा सके।