अवधेश कुमार का ब्लॉग: ईवीएम पर अब बंद होनी चाहिए राजनीति

By अवधेश कुमार | Published: April 26, 2024 09:56 AM2024-04-26T09:56:09+5:302024-04-26T09:57:31+5:30

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान जैसी टिप्पणियां की एवं याचिकाकर्ता से तीखे प्रश्न किया उनसे अनुमान लगाया जा सकता है कि फैसला क्या होगा.

Awadhesh Kumar's blog: Politics on EVM should now stop | अवधेश कुमार का ब्लॉग: ईवीएम पर अब बंद होनी चाहिए राजनीति

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsआशा की जानी चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन या ईवीएम से संबंधित उच्चतम न्यायालय का आगामी आदेश अंतिम होगा. पिछले महीने ही उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम से संबंधित दो याचिकाएं खारिज की थीं.न्यायालय ने एक याचिकाकर्ता पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था. 

आशा की जानी चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन या ईवीएम से संबंधित उच्चतम न्यायालय का आगामी आदेश अंतिम होगा. न्यायालय ने सुनवाई के दौरान जैसी टिप्पणियां की एवं याचिकाकर्ता से तीखे प्रश्न किया उनसे अनुमान लगाया जा सकता है कि फैसला क्या होगा. पिछले महीने ही उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम से संबंधित दो याचिकाएं खारिज की थीं. न्यायालय ने एक याचिकाकर्ता पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया था. 

वस्तुत: उच्चतम न्यायालय ईवीएम से संबंधित 40 याचिकाएं अभी तक खारिज कर चुका है. सामान्यत: यह बात समझ में नहीं आती कि चुनाव आयोग के साथ विश्वसनीय विशेषज्ञ द्वारा बार-बार स्पष्ट करने के बावजूद कि ईवीएम से न छेड़छाड़ हो सकती है, न ही इसे हैक किया जा सकता है, इसके द्वारा चुनाव न कराने का अभियान क्यों लगातार जारी है? उच्चतम न्यायालय में भी इस पर बहसें हो चुकी हैं, फैसले आ चुके हैं. 

उच्च न्यायालयों ने दो दर्जन से ज्यादा इस पर फैसले दिए हैं. सभी में न्यायालय ने चुनाव आयोग के इस दावे को स्वीकार किया है कि ईवीएम से मतदान कराया जाना सुरक्षित और विश्वसनीय है. तो फिर ऐसा क्यों हो रहा है? यह स्वीकार करने में कोई आपत्ति नहीं कि ईवीएम भारतीय राजनीति की विडंबनाओं का शिकार हो चुका है. 

इसी ईवीएम से जब राज्यों में विपक्ष जीतता है या 2004 एवं 2009 में यूपीए की सरकार गठन में इसका योगदान होता है तो वर्तमान विरोधी प्रश्न नहीं उठाते. हालांकि भाजपा की ओर से भी एक समय ईवीएम को अविश्वसनीय बनाने की कोशिश हुई थी किंतु बाद में उसने यह अध्याय पूरी तरह बंद कर दिया. 

कल्पना करिए, अगर भारत सहित दुनिया भर में लोगों के एक बड़े समूह के अंदर यह बात बिठा दी जाए कि भारत में सत्तारूढ़ पार्टी और गठबंधन ईवीएम में छेड़छाड़ कर चुनाव जीतता है जबकि उसे जनता वोट नहीं देती तो हमारी क्या छवि बनेगी? भारत का संसदीय लोकतंत्र, यहां का स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव विश्व के लिए एक बड़ा उदाहरण है. 

विश्व भर के टिप्पणीकार, विश्लेषक, राजनेता बताते हैं कि भारत जैसे विविधताओं वाले देश में इतने भारी मतदाताओं का मतदान संपन्न कराकर लोकतंत्र का चक्र बनाए रखना बड़ी सफलता है. न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि मत पत्रों से मतदान के दौरान क्या होता था, यह हमें याद है और बताने की आवश्यकता नहीं. इसी तरह न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि समस्या मशीन में नहीं है समस्या मानवीय व्यवस्था में होती है. 

वास्तव में चुनाव में कदाचार, भ्रष्टाचार आदि मनुष्य के द्वारा ही किए जाते रहे हैं. आप अलग प्रकार के प्रलोभनों या भय से लोगों को मतदान देने के लिए प्रेरित या विवश करते हैं तो ईवीएम में भी वह मतदान पवित्र नहीं माना जा सकता, इसलिए मूल बात चुनाव के दौरान पार्टियों के साथ सरकारी तंत्र एवं आम मतदाताओं के नैतिक और ईमानदार व्यवहार की है.

Web Title: Awadhesh Kumar's blog: Politics on EVM should now stop

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