दावोस में रूस के खिलाफ गरजे जेलेंस्की, बोले- "यूक्रेन को हथियार दो और रूस का हुक्का-पानी बंद करो"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 23, 2022 07:57 PM2022-05-23T19:57:27+5:302022-05-23T20:09:19+5:30
दावोस शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने भारी गुस्से में कहा कि दुनिया के देश हमें लड़ने के लिए और हथियार दें और आक्रमणकारी देश रूस के साथ सभी तरह के व्यापार को बंद कर दें।
दावोस: स्विट्जरलैंड के दावोस शिखर सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भाग ले रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को रूस पर जमकर हमला किया।
शिखर सम्मेलन का अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर जेलेंस्की ने भारी गुस्से में कहा कि दुनिया के देश हमें लड़ने के लिए और हथियार दें और आक्रमणकारी देश रूस के साथ सभी तरह के व्यापार को बंद कर दें।
रूस हमले को कोरने के लिए हथियारों की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास और हथियार होते और रूस पर तगड़े आर्थिक प्रतिबंध लगे होते तो शायद दसियों हज़ार लोगों की जान बचाई जा सकती थी, जिन्हें हमने हमेशा के लिए खो दिया।
ज़ेलेंस्की ने कहा कि हमें युद्ध संघर्ष से पता चला है कि हमला झेल रहे देश को मिलने वाला समर्थन कितना मूल्यवान होता है अगर उसे जितनी जल्दी दिया जाए। सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से मिले स्टैंडिंग ओवेशन के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि हमें हथियार और पैसों के साथ-साथ राजनीतिक समर्थन की जरूरत है और रूस को कड़े प्रतिबंधों की।
भाषण देते समय यूक्रेन के झंडे का टी-शर्ट पहने ज़ेलेंस्की ने कहा, "अगर हम उन्हें फरवरी में ही आपका 100 फीसदी समर्थन मिल जाता तो शायद हम हजारों जान को बचा लेते।"
वैश्विक पटल पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "यही कारण है कि यूक्रेन आपसे और हथियार चाहता है। रूस ने 17 मई को उत्तरी यूक्रेन में एक सैन्य अड्डे पर हमला करके 87 लोग को मार डाला। यह बताना मेरे लिए बहुत ही कष्टकारी है।
यूक्रेन की सांसद अनास्तासिया रेडिना ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि यूक्रेन को नाटो देशों से टैंक और जमीन पर आधारित वायु रक्षा प्रणालियों सहित अत्याधुनिक हथियारों की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा, "हम इस वक्त जिस चीज की तलाश सबसे ज्यादा कर रहे हैं, वो हैं लड़ाकू विमान"
ज़ेलेंस्की ने रूस पर तेल प्रतिबंध लगाने, उसके सभी बैंकों को व्यापार से रोकने और आईटी क्षेत्र को दूर करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूक्रेन रूस में काम कर रही सभी विदेशी कंपनियों से अपील कर रहा है कि वो आक्रमणकारी रूस की धरती को तुरंत छोड़ दें।
जेलेंस्की की इस अपील से पहले ही अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने रूसी तेल और गैस पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन यूरोपीय यूनियन इस तरह के प्रतिबंधों के लेकर विभाजित है। यूरोपिय यूनियन में शामिल जर्मनी और हंगरी जैसे देश एनर्जी सप्लाई के लिए बहुत हद तक रूस पर ही निर्भर हैं।
WEF के फाउंडर क्लॉस श्वाब ने कहा कि यह लड़ाई इतिहास की निर्णयकारी लड़ाई साबित होगी। इससे आने वाले दिनों में हमारी राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य तय होगा। उन्होंने कहा रूस गेहूं और सनफ्लावर ऑयल जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई रोक रहा है।
वहीं यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के डेविड बीसली ने यूक्रेन के बंदरगाहों को फिर से खोलने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस इलाके के किसान 40 करोड़ लोगों की भूख मिटाने लायक अनाज का उत्पादन करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सप्लाई को रोक कर रखा जाता है तो अगले 10 से 12 महीने में दुनिया के सामने खाद्यान्न की समस्या पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि अभी 43 देशों में 4.9 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर हैं।