Womens Day 2020: इजरायल की आयरण लेडी गोल्डा मेयर, जो 70 साल की उम्र में आज ही के दिन बनी थीं देश की PM, जानें पूरा मामला

By अनुराग आनंद | Published: March 7, 2020 01:58 PM2020-03-07T13:58:08+5:302020-03-07T14:22:21+5:30

गोल्डा मेयर वह महिला जिसके बारे में इजराइल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियों ने कहा था कि 'वह मेरे मंत्रिमंडल की अकेली पुरुष थीं।

Womens Day Israeli Iron Lady Golda Meir, who was formed PM on 7 march at the age of 70, had helped India in 1971, | Womens Day 2020: इजरायल की आयरण लेडी गोल्डा मेयर, जो 70 साल की उम्र में आज ही के दिन बनी थीं देश की PM, जानें पूरा मामला

गोल्डा मेयर (फाइल फोटो)

Highlightsगोल्डा मेयर की गिनती आधुनिक इतिहास की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में की जाती है।गोल्डा मेयर के बारे में कहा जाता था कि वो पूरे इसराइल की दादी अम्मा हैं।

वह महिला जिसे इजरायल की आयरण लेडी कहा जाता है। वह महिला जिसे पुरूषों की घड़ी पहनने और सिगरेट पीने की आदत थीं। वह महिला जो किसी से बात करते हुए अपने हाथ से काटकर सेब खिलाना पसंद करती थीं और वह महिला जिसके बारे में इजराइल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियों ने कहा था कि 'वह मेरे मंत्रिमंडल की अकेली पुरुष थीं। जी हां आप सही समझ रहे हैं इजराइल की वह महिला कोई और नहीं बल्कि गोल्डा मेयर थीं। गोल्डा मेयर 1969 में 70 साल की उम्र में आज ही के दिन इजराइल की प्रधानमंत्री बनी थीं। 

बीबीसी की एक रिपोर्ट की मानें तो गोल्डा मेयर की गिनती आधुनिक इतिहास की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में की जाती है।  गोल्डा मेयर के बारे में कहा जाता था कि वो पूरे इसराइल की दादी अम्मा हैं। वो पुराने ज़माने का स्कर्ट और कोट पहनती थीं। यही नहीं उनके जूते हमेशा काले होते थे और वो जहां भी जाती थीं, उनके हाथ में उनका पुराना हैंड बैग होता था। जैसा कि मैंने कहा कि वो 'चेन स्मोकर' थीं और उनकी सिगरेट में कोई 'फ़िल्टर' नहीं होता था। 

जब पूरे दुनिया की राजनीति में पुरूषों का दबदबा था। जब दुनिया के हर ताकतवर देश के सबसे बड़े ओहदे पर पुरूष बैठे थे। ऐसे समय में इजराइल देश की सत्ता गोल्डा मेयर की हाथ में होना एक बेहद महत्वपूर्ण बात थीं। गोल्डा ने अपने सभी फैसले काफी मजबूती से लिए यही वजह है कि महिला होने के बाद भी उसे पुरूष सत्ताधारी से वैश्विक राजनीति में भी कम नहीं समझा जाता था। यही नहीं गोल्डा का मानना था कि किसी भी काम को किसी शख़्स के लिंग से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।

यही नहीं एक ताकतवर राष्ट्र के रूप में इजराइल के निर्माण में उनकी बहुत ज़बरदस्त भूमिका थी। बाद में वो इसराइल की चौथी प्रधानमंत्री भी बनी तो उन्हीं के नेतृत्व में इजराइल ने मिस्र और सीरिया के ख़िलाफ़ यौम किप्पूर की लड़ाई लड़ी जहां उनकी तारीफ़ के साथ साथ काफ़ी आलोचना भी हुई थी। यही वजह है कि एक महिला होने के नाते 1971 में इंदिरा गांधी के लिए फैसले को गोल्डा मेयर ने सपोर्ट किया था। 

इंदिरा गांधी ने जब 1971 में बंग्लादेश के मामले में कड़ा फैसला लेने के लिए सोचा तो गोल्डा ने भारत का साथ देने का फैसला लिया। यही वजह है कि बंग्लादेश के विभाजन के समय इजराइल ने भारत की मदद की थीं।

एक बार की बात है कि 1971 में वो प्रधानमंत्री की तौर पर पहली बार गोल्डा मेयर अमेरिका गईं थीं। जहां राष्ट्रपति निक्सन उनके बातचीत करने के अंदाज़ से बहुत प्रभावित हुए थे। बाद में उन्होंने अपनी आत्मकथा 'आर एन : द मेमोरीज़ ऑफ़ रिचर्ड निक्सन' में लिखा था, "मुझे अच्छी तरह से याद है जब हम दोनों ओवल ऑफ़िस की कुर्सियों पर बैठे और फ़ोटोग्राफ़र हमारी तस्वीरें लेने आए तो गोल्डा मुस्करा रही थीं और दोस्ती भरी बातें कर रही थीं।

जैसे ही फ़ोटोग्राफ़र कमरे से विदा हुए, उन्होंने अपने बांए पैर के ऊपर अपना दाहिना पैर रखा, अपनी सिगरेट सुलगाई और बोलीं, 'मिस्टर प्रेसिडेंट, अब बताइए आप उन विमानों के बारे में क्या कर रहे हैं, जिनकी हमें बहुत सख़्त ज़रूरत है? गोल्डा मेयर का व्यवहार एक पुरुष की तरह होता था और वो ये चाहती थीं कि उनके साथ भी एक पुरुष की तरह ही व्यवहार किया जाए।" 

 
 

Web Title: Womens Day Israeli Iron Lady Golda Meir, who was formed PM on 7 march at the age of 70, had helped India in 1971,

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