एचआईवी पॉजिटिव महिला सात महीने तक कोरोना संक्रमित रही, वायरस ने 32 बार बदला रूप

By अभिषेक पारीक | Published: June 7, 2021 02:50 PM2021-06-07T14:50:08+5:302021-06-07T21:53:45+5:30

एक शोध में कोरोना वायरस को लेकर जो खुलासा हुआ है, उसने वैज्ञानिकों तक को चौंका दिया है। शोध में सामने आया है कि एचआईवी पॉजिटिव महिला कोरोना वायरस से 216 दिनों तक संक्रमित रही।

Woman with hiv carries covid 19 infection for 7 months develops 32 virus mutations inside her body | एचआईवी पॉजिटिव महिला सात महीने तक कोरोना संक्रमित रही, वायरस ने 32 बार बदला रूप

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsदक्षिण अफ्रीका में एचआईवी पॉजिटिव महिला कोरोना वायरस से सात महीने तक संक्रमित रही। महिला के शरीर में सार्स-सीओवी-2 वायरस ने 32 बार अपना रूप बदला। 2006 में एचआईवी पॉजिटिव होने के बाद महिला का इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया था। 

कोरोना वायरस में म्यूटेशन के बारे में हर किसी ने सुना होगा। हालांकि एक शोध में कोरोना वायरस को लेकर जो खुलासा हुआ है, उसने वैज्ञानिकों तक को चौंका दिया है।

शोध में सामने आया है कि दक्षिण अफ्रीका की एक एचआईवी पॉजिटिव महिला कोरोना वायरस से 216 दिनों तक संक्रमित रही। इस दौरान महिला के शरीर में सार्स-सीओवी-2 वायरस ने 32 बार अपना रूप बदला। यह शोध प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में प्रकाशित हुआ है। 

शोध के अनुसार, 36 वर्षीय महिला को 2006 में एचआईवी पॉजिटिव पाया गया था। जिसके बाद से ही उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) धीरे-धीरे कमजोर होती गई। सितंबर 2020 में वह कोविड-19 के चलते संक्रमित हुई। जिसके कारण स्पाइक प्रोटीन में 13 और 19 अन्य आनुवांशिक बदलाव हुए। 

 

कुछ म्यूटेशन बढ़ा रहे हैं चिंता

इनमें से कुछ म्यूटेशन चिंता की बात हैं। जैसे E484K म्यूटेशन जो कि अल्फा वेरिएंट B.1.1.7 का हिस्सा है। यह पहली बार ब्रिटेन में सामने आया था। वहीं N510Y म्यूटेशन, जो कि बीटा वेरिएंट B.1.351 का हिस्सा है। यह सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। 

 

म्यूटेशन दूसरों को पहुंचाने को लेकर संशय

शोधकर्ताओं के अनुसार, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि महिला ने इन म्यूटेशंस को दूसरों को पहुंचाया है या नहीं। हालांकि शोधकर्ताओं का मानना है कि यह संयोग नहीं है कि ज्यादातर नए वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलु नेटल में सामने आए हैं, जहां हर 4 वयस्कों में से एक एचआईवी पॉजिटिव है। 

 

गंभीर खतरे की बात नहीं आई सामने

इस बात के बहुत कम सबूत हैं कि एचआईवी संक्रमित लोगों में कोविड-19 होने और उसके गंभीर चिकित्सा परिणाम का खतरा अधिक होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि ऐसे मामले ज्यादा संख्या में सामने आते हैं तो एचआईवी संक्रमित मरीज दुनिया के लिए वेरिएंट की फैक्ट्री बन सकते हैं। 

Web Title: Woman with hiv carries covid 19 infection for 7 months develops 32 virus mutations inside her body

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