क्या गलवान झड़प के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप करेंगे भारत-चीन के बीच मध्यस्थता, व्हाइट हाउस ने दिया जवाब
By पल्लवी कुमारी | Published: June 18, 2020 12:12 AM2020-06-18T00:12:35+5:302020-06-18T00:12:35+5:30
चीन को एक कड़ा संदेश देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह माकूल जवाब देने में सक्षम है। पीएम मोदी ने कहा, भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
वाशिंगटन: पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में सोमवार रात (15 जून) चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं। इस बात पर व्हाइट हाउस का बयान आया है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत-चीन हालात पर अमेरिका की नजर। क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-चीन के बीच मध्यस्थता करेंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कायले मैकनी ने कहा है कि फिलहाल अमेरिक की इसको लेकर कोई औपचारिक योजना नहीं है।
लद्दाख में भारत-चीन के बीच झड़प पर व्हाइट हाउस ने कहा है, हमें इस बारे में पता चला है, हमारी इसपर नजर है। झड़प की वजह से 20 जवानों की मौत वाला भारतीय सेना का बयान हमने देखा है। इसपर शोक व्यक्त करते हैं।''
#WATCH No formal plans on that: White House Press Secretary Kayleigh McEnany when asked if US President Trump will mediate between India and China pic.twitter.com/F4rV4U02T3
— ANI (@ANI) June 17, 2020
गलवान घाटी में झड़प के बाद थल सेना, नौसेना, वायु सेना ने बढ़ायी चौकसी
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार (17 जून) को हाई अलर्ट कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं।
सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है।
चीन के विदेश मंत्री ने जयशंकर से फोन पर बात की, दोनों ने तनाव कम करने पर सहमति जताई
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की और दोनों नेताओं ने तनावपूर्ण स्थिति को यथासंभव जल्द से जल्द शांत करने और दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने पर सहमति जताई। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़पों में 20 भारतीय जवानों के मारे जाने के बाद दोनों मंत्रियों की टेलीफोन पर बातचीत हुई है। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि टेलीफोन बातचीत में जयशंकर ने वांग से हिंसक झड़पों पर कड़े से कड़े शब्दों में भारत का विरोध जाहिर किया और कहा कि अभूतपूर्व घटनाक्रम के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव होंगे।
उन्होंने चीनी पक्ष से उसकी गतिविधियों का पुनर्मूल्यांकन कर सुधारात्मक कदम उठाने को कहा। जयशंकर ने वांग से कहा, चीनी पक्ष ने पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की जो हिंसा और जवानों के हताहत होने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थी। इनमें यथास्थिति को नहीं बदलने के हमारे सभी समझौतों का उल्लंघन करते हुए जमीन पर तथ्यों को बदलने की मंशा नजर आती है।