मालदीव राष्ट्रपति चुनाव: अब्दुल्ला यामीन और इब्राहिम मोहम्मद में कड़ी टक्कर

By भाषा | Published: September 23, 2018 10:18 AM2018-09-23T10:18:44+5:302018-09-23T10:18:44+5:30

चुनाव में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुकाबला है। 

Voting begins for presidential election in Maldives: official | मालदीव राष्ट्रपति चुनाव: अब्दुल्ला यामीन और इब्राहिम मोहम्मद में कड़ी टक्कर

फाइल फोटो

माले, 23 सितंबर:मालदीव में विवादास्पद राष्ट्रपति चुनाव के लिये रविवार को मतदान शुरू हो गया। मतदान शुरू होने के कुछ ही घंटे पहले विपक्ष के प्रचार मुख्यालय पर पुलिस ने छापा मारा था।

अधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि सुबह से ही सैकड़ों पुरुष और महिलाएं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिये राजधानी माले में मतदान केंद्रों पर कतारों में खड़े दिखाई पड़े। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ।

चुनाव में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुकाबला है। 

पर्यवेक्षकों को निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं

मालदीव में रविवार को राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में मतदान हो रहे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों एवं विपक्ष को आशंका है कि चीन के वफादार माने जाने वाले ताकतवर नेता अब्दुल्ला यामीन को सत्ता में बरकरार रखने के लिए चुनावों में गड़बड़ी की जाएगी। 

मौजूदा राष्ट्रपति यामीन ने अपने सभी प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों को या तो जेल में डाल दिया है या देश से बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया है। यामीन ने देश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए चीन से अरबों डॉलर का कर्ज ले लिया है, जिसके कारण लंबे समय से मालदीव का समर्थक रहा भारत चिंतित है। 

मालदीव में ‘‘हालात नहीं सुधरने पर’’ यूरोपीय संघ (ईयू) यात्राओं पर पाबंदी और संपत्तियों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की चेतावनी दे चुका है जबकि अमेरिका ने कहा है कि वह 1,200 द्वीपों वाले इस देश में लोकतंत्र को कमजोर करने वालों के लिए ‘‘उचित कदम उठाने पर विचार करेगा।’’ 

करीब 2,60,000 लोग मालदीव में हो रहे चुनावों में वोट डाल सकते हैं। स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को इन चुनावों की निगरानी की मंजूरी नहीं दी गई है। सिर्फ विदेशी मीडिया के कुछ पत्रकारों को चुनाव कवर करने की इजाजत मिली है। 

विदेशी चुनाव निगरानी समूह ‘एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन्स’ ने कहा कि चुनाव प्रचार अभियान 59 साल के यामीन के पक्ष में बहुत हद तक झुका हुआ है। सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने से पहले यामीन को सिविल सेवा के एक साधारण अधिकारी के तौर पर देखा जाता था। 

‘एशियन नेटवर्क फॉर फ्री इलेक्शन्स’ ने कहा उसे निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं है। 

पर्यवेक्षकों ने मतदान की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘(चुनावों की) निगरानी या (सरकार पर) दबाव के अभाव में मालदीव के लोगों के सामने निराशाजनक स्थिति का सामना करने का खतरा है।’’ 

बीते फरवरी में आपातकाल लागू कर, संविधान को निलंबित कर और यामीन के खिलाफ महाभियोग की कोशिश कर रहे सांसदों को रोकने के लिए सैनिकों को भेजकर मौजूदा राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंता में डाल दिया था। कई वरिष्ठ जजों और प्रमुख विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। 

लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए मालदीव के पहले राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को अब निर्वासित जीवन बिताना पड़ रहा है। नशीद ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह चुनाव के नतीजों को खारिज करे। 

नशीद ने कहा, ‘‘गणित के हिसाब से यामीन के लिए जीतना जरूरी नहीं है, क्योंकि सारी विपक्षी पार्टियां उनके खिलाफ हैं। लेकिन वे बैलट बक्सों में पड़े वोटों से अलग जाकर नतीजों की घोषणा करेंगे।’’

Web Title: Voting begins for presidential election in Maldives: official

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