वेनेजुएला संकट पर बंट गए अमेरिका और रूस जैसे दिग्गज देश, स्थिति पर भारत की करीबी नजर
By भाषा | Published: January 25, 2019 03:26 PM2019-01-25T15:26:15+5:302019-01-25T15:27:25+5:30
तेल समृद्ध लेकिन आर्थिक रूप से खस्ताहाल देश में उस समय अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई थी जब नेशनल असेम्बली के प्रमुख 35 वर्षीय गुइडो ने स्वयं को ‘‘कार्यवाहक राष्ट्रपति’’ घोषित कर दिया था।
नई दिल्ली, 25 जनवरीः तेल समृद्ध लेकिन आर्थिक रूप से खस्ताहाल देश वेनेजुएला में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत, वेनेजुएला में उभरती स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और उसका यह मानता है कि वहां के लोगों को अपने मतभेदों का रचनात्मक बातचीत के जरिये समाधान निकालना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘हम वेनेजुएला में उभरती स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है। हमारा यह मत है कि वेनेजुएला के लोगों को अपने मतभेदों का समाधान रचनात्मक बातचीत के जरिये बिना हिंसा का रास्ता अपनाये निकालना है।’’
मंत्रालय ने कहा,‘‘ हम मानते हैं कि वेनेजुएला के लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिये उस देश में लोकतंत्र, शांति और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है ।’’ बयान में कहा गया है कि भारत और वेनेजुएला के बीच करीबी और सौहार्दपूर्ण संबंध हैं।
उल्लेखनीय है कि तेल समृद्ध लेकिन आर्थिक रूप से खस्ताहाल देश में उस समय अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई थी जब नेशनल असेम्बली के प्रमुख 35 वर्षीय गुइडो ने स्वयं को ‘‘कार्यवाहक राष्ट्रपति’’ घोषित कर दिया था। उन्हें अमेरिका और ब्राजील, अर्जेंटीना और कोलंबिया समेत कम से कम 12 क्षेत्रीय ताकतों ने समर्थन दिया।
मादुरो के पिछले साल दोबारा राष्ट्रपति बनने को विपक्ष ने चुनौती दी है और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी लेकिन शक्तिशाली सेना समाजवादी नेता के प्रति वफादार बनी हुई है।
वेनेजुएला में अमेरिका समर्थित विपक्ष के नेता जुआन गुइडो द्वारा देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सीधी चुनौती दिए जाने के बीच देश की शक्तिशाली सेना ने मादुरो को बृहस्पतिवार को अपना समर्थन दिया और इसके बाद पूरे घटनाक्रम से संकटग्रस्त देश का भविष्य अधर में लटक गया है। इस क्रम में विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।