ईसाई धर्म के केंद्र वेटिकन तक पहुँचा #MeToo आंदोलन, नन ने बताया पादरी ने कैसे किया यौन शोषण

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 28, 2018 05:39 PM2018-07-28T17:39:40+5:302018-10-10T16:10:58+5:30

ईसाई नन ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वेटिकन चर्च की गोपनीयता की शपथ, आज्ञा बनाने की शपथ और अपने निजी डर और शर्म के कारण ये सिस्टर 20 सालों तक चुप रही। 

Vatican Mee Too Movement Nuns said sexually harassed by Priest and Bishops | ईसाई धर्म के केंद्र वेटिकन तक पहुँचा #MeToo आंदोलन, नन ने बताया पादरी ने कैसे किया यौन शोषण

ingrid bergman

ईसाइयों के धार्मिक केंद्र वेटिकन सिटी में पादरियों पर ननों ने यौन शोषण के आरोप लगाये हैं। इंटरनेशनल मीडिया में इसे वेटिकन सिटी का #MeToo आंदोलन कहा जा जा रहा है। हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वी वाइंस्टीन पर दर्जनों लड़कियों द्वारा लगाये यौन शोषण के आरोप के बाद  15 अक्टूबर 2017 को हॉलीवुड एक्ट्रेस एलिसा मिलानो ने #MeToo हैशटैग का इस्तेमाल करके हॉलीवुड में होने वाले यौन शोषण का मुद्दा उठाया था। मिलाने के ट्वीट के बाद #MeToo वायरल हो गया और एश्ले जूड, उमा थुरमैन, ग्नेनथ पाल्ट्रो और जेनिफर लॉरेंस जैसी टॉप एक्ट्रेस ने इस हैशटैग का समर्थन करते हुए ट्वीट किए और बयान दिये। यौन शोषण के प्रति जागरुकता जगाने के लिए  Me Too का प्रयोग साल 2006 में तराना बर्क नामक सामाजिक कार्यकर्ता ने किया था। मिलाने ने भी बाद में #MeToo का श्रेय बर्क को दिया था। 

नन ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वेटिकन चर्च की गोपनीयता की शपथ, आज्ञा बनाने की शपथ और अपने निजी डर और शर्म के कारण ये सिस्टर 20 सालों तक चुप रही। पादरियों और बिशप द्वारा ननों के मुद्दे पर वेटिकन की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आयी है। एपी के अनुसार चर्च के प्रमुख पदाधिकारी अभी भी इसे मानने को तैयार नहीं हैं. वहीं ननों के बीच इस बात का भय है कि बाहरी दुनिया के लोग उनकी बातों पर यकीन नहीं करेंगे।

चिली में करीब आधा दर्जन सिस्टरों ने सार्वजनिक रूप से पादरियों द्वारा किए जाने वाले यौन शोषण की बात राष्ट्रीय टीवी चैनल पर कही। इन ननों ने आरोप लगाया कि पादरियों द्वारा यौन शोषण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। ननों ने साल 2013 का एक मामला भी उजागर किया कि कैसे यूगांडा के एक पादरी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर बताया था कि कई ननों के साथ उसके रोमांटिक रिश्ते थे। उस पादरी को पहले तो पद से हटा दिया गया लेकिन बाद में जब उसने माफी माँग ली 

चर्च में यौन शोषण का पुराना मामला

ये पहला मामला नहीं है जब ईसाई चर्चों में यौन शोषण का मुद्दा उठा है। 1994 में स्वर्गीय मौरा ओडोनोह्यू ने छह साल में 23 देशों के चर्चों का अध्ययन करके एक रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट में बताया गया कि एक ही चर्च 29 नन गर्भवती थीं। रिपोर्ट के अनुसार पादरियों को लगता था कि ननों से शारीरिक सम्बन्ध बनाना सुरक्षित है क्योंकि वेश्याओं या आम महिलाओं से सम्बन्ध बनाने पर यौन संक्रमण से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। बाद में वेटिकन के वरिष्ठ अधिकारी मैरी मैकडोनाल्ड ने कहा था कि अफ्रीका में पादरियों द्वारा ननों का यौन शोषण सामान्य बात है।

जिस नन ने समाचार एजेंसी एपी को अपनी आपबीती बतायी है उसके अनुसार साल 2000 में यूनिवर्सिटी में पादरी ने उसके साथ बलात्कार किया। नन ने बताया कि वो एक क्लासरूम में पादरी के बगल में बैठी थी। कमे में कोई और नहीं था। नन के अनुसार पादरी अचानक ही उठा और उसके संग जबरदस्ती करने लगा। नन ने बताया कि उसने उस दिन अपने कन्फेशन में ये बातें बतायी थीं। बाद में एक अन्य पादरी ने उसके संग जबरदस्ती की और उसने ये बात भी कन्फेशन में बतायी लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद नन ने कन्फेशन में जाना बन्द कर दिया। नन ने एपी को बताया कि इन घटनाओं के बाद वो केवल अपने आध्यात्मिक पिता ( जो दूसरे देश में रहते थे) के सामने ही कन्फेशन करती थी। नन ने बताया कि केवल एक बार एक पादरी ने कन्फेशन के दौरान चर्च की तरफ से माफी माँगी लेकिन उसने भी कोई कार्रवाई नहीं की। 

चर्च में नाबालिग बच्चों के यौन शोषण का मामला भी कई बार सामने आता रहा है। ईसाई पादरियों द्वारा बच्चों के यौन शोषण को उजागर करने वाली रिपोर्ट पर बनी फिल्म स्पॉटलाइन को ऑस्कर मिला था।

(तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीक के तौर पर किया गया है। ये एक फिल्म का दृश्य है।)

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Web Title: Vatican Mee Too Movement Nuns said sexually harassed by Priest and Bishops

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