सीरिया पर अमेरिका-फ्रांस-ब्रिटेन का हमला: रूस बुलाएगा UNSC की आपात बैठक, चीन ने कहा- अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 14, 2018 04:07 PM2018-04-14T16:07:49+5:302018-04-14T16:09:44+5:30
रूस, चीन और ईरान ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा संयुक्त रूप से सीरिया पर हमले करना की निंदा की है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरिया पर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की संयुक्त सेना द्वारा किए जा रहे हवाई हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इससे सीरिया में मानवीय त्रासदी ज्यादा भयावह हो जाएगी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाकर सीरिया पर हमले का मसला उठाएगा। वहीं चीन ने सीरिया पर इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (13 अप्रैल) को सीरिया पर हवाई हमले की घोषणा की। ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेस मे और फ्रांसीस राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी हमले में अमेरिका का साथ देने की घोषणा की। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वो सीरिया की बशर अल-असद सरकार को रासायनिक हथियारों के निर्माण और इस्तेमाल से रोकने के लिए ये कदम उठा रही है। सीरिया में पिछले कुछ सालों से गृह युद्ध चल रहा है।
सीरिया में पिछले हफ्ते हुए कथित रासायनिक हमले में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी। अमेरिका ने इसके लिए बशर अल-असद सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं असद सरकार रासायनिक हथियार के इस्तेमाल से इनकार करती रही है। फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां-येव्स ड्रायन ने शनिवार (14 अप्रैल) को मीडिया को बताया कि रूस को सीरिया पर हवाई हमले के बारे में पहले से जानकारी दे दी गयी थी। फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने कहा कि फ्रांसीसी युद्धक विमानों ने सीरिया के सहयोगी देशों के ठिकानों पर हमला नहीं किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने कहा कि सीरिया पर की गई ये कार्रवाई वैधानिक, सीमित और लक्ष्य-केंद्रित है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (13 अप्रैल) देर रात को अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस में सीरिया पर हमले का आदेश दिया। समाचाार एजेंसी रॉयटर्स डोनाल्ड ट्रंप की हमले की घोषणा के कुछ ही देर दमिश्क में बमबारी की आवाजें सुनायी देने लगीं। डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया पर हमले की वजह बशर अल-असद सरकार को रासायनिक हमले से विमुख करने के लिए ये कदम उठाया है। रॉयटर्स के अनुसार दमिश्क में कम से कम छह धमाकों की आवाज़ नागरिकों ने सुनी। रॉयटर्स के अनुसार दमिश्क के बारज़ाह जिले में स्थानीय नागरिकों ने हमले की पुष्टि की। बारज़ाह में सीरिया का प्रमुख साइंटिफिक रिसर्च सेंटर स्थित है।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 14, 2018
डोनाल्ड ट्रंप हमले की घोषणा करते हुए कहा कि, "ये आदमी का काम नहीं है। ये शैतान का अपराध है। हमारी आज रात की कार्रवाई रासायनिक हथियारों के निर्माण और इस्तेमाल से रोकने के लिए है।" अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने असद सरकार के समर्थन के लिए रूस और ईरान की आलोचना की। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "ईरान और रूस से मैं पूछना चाहूँगा कि वो किस तरह के देश हैं जो पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के नरसंहार करने वाले इंसान का पक्ष ले रहे हैं।"
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की संयुक्त सेना के हमले के बाद कहा कि "अल्लाह की रूह की मर्जी का अपमान नहीं किया जा सकता।"
ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ब्रिटिश सेना को सीरिया पर संयुक्त कमान में हमला करने के लिए की अनुमति दी। थेरेसा मे ने हमले में शामिल होने की घोषणा करते हुए कहा कि ये हमला "सीमित और लक्ष्य-केंद्रित" होगा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी युद्ध में फ्रांस के शामिल होने की घोषणा की।