अमेरिकी युद्धपोत ताइवान के नजदीक से गुजरा, चीन हुआ आग बबूला, कहा- इस तरह की हरकतें बंद करें
By रामदीप मिश्रा | Published: October 15, 2020 02:51 PM2020-10-15T14:51:02+5:302020-10-15T14:51:02+5:30
अमेरिका की इस आवाजाही पर चीन खासा नाराज दिखाई दिया है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कहा कि उसने यूएसएस बैरी पर यात्रा के दौरान पूरी तरह से नजर रखी है। इस दौरान उसने समुद्र और हवा दोनों के माध्यम से अमेरिकी पोत की आवाजाही को ट्रैक किया है।
अमेरिकी युद्धपोत बुधवार को ताइवान स्ट्रेट से गुजरा है, जिससे तिलमिला गया है और उसने चेतावनी दे दी है। हालांकि अमेरिकी सेना का कहना है कि यह "नियमित" अभ्यास का हिस्सा है। चीन इस इस क्षेत्र और आसपास के समुद्रों पर संप्रभुता का दावा करता है। दरअसल, हाल के महीनों में अमेरिका और चीन के बीच व्यापार, हांगकांग के बाद ताइवान के मुद्दे पर तनातनी बढ़ी है।
अमेरिकी पैसिफिक फ्लीट के एक बयान के अनुसार, गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक पोत यूएसएस बैरी 14 अक्टूबर को ताइवान स्ट्रेट से गुजरा है। ताइवान स्ट्रेट के माध्यम से जहाज का आवागमन एक स्वतंत्र और ओपन इंडो-पैसिफिक के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। उनकी नौसेना आगे भी आवाजाही जारी रखेगी क्योंकि अंतराष्ट्रीय कानून उन्हें इसकी इजाजत देते हैं।
अमेरिका की इस आवाजाही पर चीन खासा नाराज दिखाई दिया है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कहा कि उसने यूएसएस बैरी पर यात्रा के दौरान पूरी तरह से नजर रखी है। इस दौरान उसने समुद्र और हवा दोनों के माध्यम से अमेरिकी पोत की आवाजाही को ट्रैक किया है। पूर्वी थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग चुन्हुई ने कहा, "हमने अमेरिका इस तरह की बयानबाजी और कार्रवाई को रोकने के लिए आगाह किया है, जोकि ताइवान स्ट्रेट में स्थिति को उकसाने में लगा हुआ है।
बता दें, 1949 में चीन में हुए गृह युद्ध की समाप्ति के बाद से ताइवान एक अलग हिस्सा बन गया। ताइवान का अपना झंडा, मुद्रा और सेना है, लेकिन इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता नहीं मिली है। अमेरिका ने 1979 में चीन के साथ संबंधों को सुधारने के लिए ताइपे के साथ अपने राजनयिक संबंधों को समाप्त कर दिया था, लेकिन अमेरिका ताइवान का सबसे शक्तिशाली सहयोगी और उसका मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है।