अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा- तालिबान को अमेरिका के साथ हुए समझौते की प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहिए
By भाषा | Published: July 1, 2020 03:41 PM2020-07-01T15:41:54+5:302020-07-01T15:41:54+5:30
अफगानिस्तान से 14 महीने के भीतर अमेरिका अपने 12,000 सैनिकों को वहां से हटाएगा।
वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अफगान सुलह प्रक्रिया पर तालिबान के नेता मुल्ला बरादर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आतंकवादी समूह को शांति समझौते में अमेरिका के साथ की गई प्रतिबद्धताओं को निभाना चाहिए और अमेरिकी सैनिकों पर हमले नहीं करने चाहिए।
अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में फरवरी में हुए समझौते में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बदले आतंकवादी समूह से सुरक्षा गारंटी मांगी गई थी। विदेश विभाग की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने मंगलवार को कहा, ‘‘विदेश मंत्री पोम्पिओ ने स्पष्ट कर दिया कि तालिबान से प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की उम्मीद की जाती है जिसमें अमेरिकियों पर हमले नहीं करना भी शामिल है।’’
उन्होंने बताया कि अमेरिका-तालिबान समझौते को लागू करने पर चर्चा के लिए सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस की गई। समझौते के तहत अमेरिका 14 महीने के भीतर अपने 12,000 सैनिकों को वहां से हटाएगा। यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब अफगानिस्तान में सुलह प्रक्रिया के अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमी खलीलजाद इस समझौते पर आगे बढ़ने के लिए क्षेत्र की यात्रा पर हैं।
खलीलजाद 28 जून को कतर, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान की यात्रा के लिए रवाना हुए। वह कोरोना वायरस के खतरे के कारण अफगानिस्तान की राजधानी काबुल नहीं जाएंगे और इसके बाद अफगान नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत करेंगे।
तालिबान की अफगान सरकार के बलों के खिलाफ हिंसा जारी है जिससे शांति समझौते पर आगे बढ़ने पर दोनों पक्षों के बीच वार्ता में देरी हो रही है। अमेरिका के विदेश मंत्री और तालिबानी नेता के बीच यह वीडियो कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हुई जब ऐसी रिपोर्टें आयी कि रूस ने अमेरिकी सैनिकों की हत्या करने के लिए तालिबान को इनाम की पेशकश की है।